Hindi, asked by hv92030gmailcom, 11 months ago

intercost marriage pr easay btao...​

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Answered by bri785785
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बच्चों के लिए जीवनसाथी खोजने में अभिभावकों की भूमिका बदल रही है। देश या विदेश में नौकरी कर रहे कुछ युवाओं ने यह शुभ कार्य स्वयं कर माता पिता की चिंता कम की है। इधर अभिभावक भी बच्चों द्वारा स्वयं जीवनसाथी चुनने को तरजीह दे रहे हैं। अंतरजातीय विवाह होने से जातीय सद्भावना मज़बूत हो रही है। बढ़ती वैवाहिक साइट्स के कारण रिश्तेदारों व मित्र परिचितों का दखल सिमट गया है। समाचार पत्र जातीय आधार पर वैवाहिक विज्ञापन छाप रहे हैं। वर्ण, जाति आधारित वैवाहिक साइट्स उपलब्ध हैं। संभावित वधू, वर या उनके अभिभावकों से बात करने पर पता चलता है कि हम सब बढ़ते विकास, फैलती वैशविक्ता, शिक्षा की चकाचौंध में भी जाति की लकीर को जम कर पीट रहे हैं। घर से बाहर निकल जॉब करने वाले बच्चे प्रोफ़ाइल खुद मैनेज करते हैं कोई पसंद आता है तो हां कर देते हैं मगर बात उनके माता पिता तक पहुंचती है तो वे समाज के बहाने जाति बीच में खड़ी कर देते हैं।

Answered by arundhatimishra4640
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