Hindi, asked by prabh95, 1 year ago

internet ka prabav niband in hindi​

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Answered by ShivamSirohi
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Answer:

इन्टरनेट का प्रभाव

इंटरनेट दूनिया भर में फैले कम्प्यूटरों का एक विशाल संजाल है जिसमें ज्ञान एवं सूचनाएं भौगोलिक एवं राजनितिक सीमाओं का अतिक्रमण करते हुए अनवरत प्रवाहित होती रहती है। उस संजाल में कुछ ऐसे कम्प्यूटर होते हैं जो सर्वदा सक्रिय रहते हैं और कुछ ऐसे कम्प्यूटर होते हैं जो उपभोक्ताओं के द्वारा आवश्यकता पड़ने पर खोले जाते हैं। जो कम्प्यूटर इस संजाल में सर्वदा खुले होते हैं, वह संजाल उन्हीं कम्प्यूटरों के द्वारा चलता है। ऐसे कम्प्यूटर को सर्वर कहते है। इन्टरनेट के संजाल में ऐसे कई सर्वर होते हैं और ये सभी एक-दूसरे से जुड़े रहते हैं। हम जब कम्प्यूटर का प्रयोग करते हैं तो इन्हीं में से किसी एक सर्वर से अपने कम्प्यूटर का संबंध स्थापित करते हैं और सूचनाओं का आदान-प्रदान करते हैं।

इंटरनेट का प्रारम्भ आज से लगभग साढे़ तीन दशक पूर्व अमेरिका के रक्षा विभाग के एक शोध प्रकल्प के रूप में हुआ था। उस समय इस शोध में लगे वैज्ञानिकों का महत्वपूर्ण उद्देश्य यह था कि दो अलग-अलग स्थानों पर स्थित कम्प्यूटरों के माध्यम से आंकडों एवं सूचनाओं का आदान-प्रदान कैसे किया जाए। शीत युद्ध के दौर में संयुक्त राज्य अमेरिका के कैलिफोर्निया के तीन मेनफ्रेम कम्प्यूटर और यूटा के एक मेनफ्रेम कम्प्यूटर को आपस में जोड़ा गया और इसे अर्पानेट कहा गया। इस शोध परियोजना के लिए अमेरिका की उन्नत अनुसंधान परियोजना ऐजेंसी धन उपलब्ध करा रही थी, इसलिए नेटवर्क का यह नाम रखा गया। कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर सियोनार्ड क्लिनराॅक एवं उनके साथियों द्वारा किए गए एक प्रयोग से दिनांक 2 सितम्बर 1969 को इस कार्य को अंजाम मिला। डाॅ. क्निराॅक को इन्टरनेट का जन्मदाता माना जाता है। इन्टरनेट के स्थापना के पीछे उद्देश्य यह था कि परमाणु हमले की स्थिति में संचार के एक जीवंत नेटवर्क को बनाए रखा जाए। लेकिन जल्द ही रक्षा अनुसंधान प्रयोगशाला से हटकर इसका प्रयोग व्यावसायिक आधार पर होने लगा । फिर इन्टरनेट के व्यापक स्तर पर उपयोग की संभवनाओं का मार्ग प्रशस्त हुआ और बड़ी-बडी़ कम्पनियों ने इस नेटवर्क को व्यापक स्तर पर स्थापित करने के लिए अपना धन लगाना प्रारम्भ कर दिया।

1992 ई. के बाद इन्टरनेट पर ध्वनि एवं वीडियो का आदान-प्रदान संभव हो गया। अपनी कुछ दशकों की यात्रा में ही इन्टरनेट ने आज विकास की कल्पनातीत दूरी तय कर ली है। आज के इन्टरनेट के संजाल में छोटे-छोटे व्यक्तिगत कम्म्यूटरों से लेकर मेनफ्रेम और सुपर कम्प्यूटर तक परस्पर सूचनाओं का आदान-प्रदान कर रहे हैं। आज जिसके पास भी अपना व्यक्तिगत कम्प्यूटर है वह इंटरनेट से जुड़ने की आकांक्षा रखता है।

इन्टरनेट आधुनिक विश्व के सूचना विस्फोट की क्रांति का आधार है। इन्टरनेट के ताने-बाने में आज पूरी दुनिया है। विश्व के जिस शहर में इन्टरनेट की सुविधा उपलब्ध है, वह शहर सूचना के सुपर हाइवे का हिस्सा है। दुनिया में जो कुछ भी घटित होता है और नया होता है वह सुपर हाइवे के उस शहर में तत्काल पहुंच जाता है। इन्टरनेट आधुनिक सदी का ऐसा ताना बाना है, जो अपनी स्वच्छन्द गति से पूरी दुनिया को अपने आगोश में लेता जा रहा है। कोई सीमा इसे रोक नहीं सकती। यह एक ऐसा तंत्र है, जिस पर किसी एक संस्था या व्यक्ति या देश का अधिकार नहीं है बल्कि सेवा प्रदाताओं और उपभोक्ताओं की सामूहिक संपत्ति है। इन्टरनेट सभी संचार माध्यमों का समन्वित एक नया रूप है। पत्र-पत्रिका, रेडियों और टेलीविजन ने सुचनाओं के आदान-प्रदान के रूप् में लिस सूचना क्रांति का प्रवर्तन किया था, आज इन्टरनेट के विकास के कारण वह विस्फोट की स्थिति में है। इन्टरनेट में माध्यम से सूचनाओं के आदान-प्रदान एवं संवाद आज दुनिया के एक कोने से दूसरे कोने तक पलक झपकते संभव हो चुका है।

इन्टरनेट पर आज पत्र-पत्रिकाएं प्रकाशित हो रही हैं,  


ShivamSirohi: plz mark brainliest
prabh95: hlo
prabh95: i dont how to mark as brainliest
ShivamSirohi: click on top of the answer where mark as brainliest is written
prabh95: ok
prabh95: i wi
prabh95: ll see
prabh95: later
Answered by arshad49
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विद्यार्थियों के लिये इसकी उपलब्धता जितनी लाभप्रद है उतनी ही नुकसानदायक भी क्योंकि बच्चे अपने माता-पिता के चोरी से इसके माध्यम से गलत वेबसाइटों का भी इस्तेमाल करते है जो कि उनके भविष्य को नुकसान पहुँचाने का कार्य करता है। ज्यादातर माता-पिता इस खतरे को समझते है लेकिन कुछ इसे नजरंदाज कर देते है और अपने बच्चों को खुलकर इंटरनेट का इस्तेमाल करने की छूट प्रदान कर देते है। लेकिन ऐसा नही किया जाना चाहिए कम उम्र के बच्चों द्वारा इंटरनेट का इस्तेमाल अभिभावकों की देख-रेख में किया जाना चाहिये।

कम्प्यूटर सिस्टम

अपने कम्प्यूटर सिस्टम में पासवर्ड और प्रयोक्ता नाम डाल कर अपने खास डाटा को दूसरों से सुरक्षित रख सकते है। इंटरनेट हमें किसी भी ऐप्लिकेशन प्रोग्राम के द्वारा अपने दोस्त, माता-पिता और शिक्षकों को किसी भी क्षण संदेश भेजने की आजादी देता है। ये जान कर आपको हैरानी होगी कि उत्तरी कोरिया, म्यांमार आदि कुछ देशों में इंटरनेट पर पाबंदी है क्योंकि वो इसे बुरा समझते है। कभी-कभी इंटरनेट से सीधे-तौर पर कुछ भी डाउनलोड करने के दौरान, हमारे कम्प्यूटर में वाइरस, मालवेयर, स्पाइवेयर, और दूसरे गलत प्रकार के प्रोग्राम आ जाते है जो हमारे सिस्टम को नुकसान पहुँचाने का कार्य करते है। ऐसा भी हो सकता है कि हमारे सिस्टम में रखे डाटा को बिना हमारी जानकारी के किसी व्यक्ति द्वारा हैक कर लिया जाये, जिससे हमारी कई प्रकार के नीजी जानकारियों के चोरी होने का भय रहता है।

इन्टरनेट और टेक्नोलॉजी

आज इंटरनेट की वजह से वैज्ञानिक पृथ्वी पर बैठे-बैठे अंतरिक्ष में गए हुए अंतरिक्ष यात्रियों से बात कर सकते हैं और उन्हें देख सकते हैं। पृथ्वी के बाहर घूमते हुए सैटेलाइट पृथ्वी पर इंटरनेट के माध्यम से ही सभी जानकारियाँ दिन-रात भेजती रहती हैं जिसके माध्यम से वैज्ञानिक पृथ्वी पर हो रहे कई प्रकार की गतिविधियों पर नजर बनाए रखते हैं। इंटरनेट के माध्यम से दुनिया के किसी भी कोने में बैठे किसी भी व्यक्ति से हम निशुल्क रुप से बात कर सकते हैं।

निष्कर्ष

इंटरनेट हमें कई तरीकों से फायदा पहुँचाता है जैसे ऑनलाइन स्कूल, कालेज, या विश्वविद्यालयों में दाखिला दिलाने में, व्यापारिक और बैंकिंग लेन-देन में, शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्ति में, ड्राइविंग लाइसेंस आवेदन करने में तथा बिल जमा करने आदि में यह हमारी सहायता करता है। इंटरनेट मनुष्य को विज्ञान द्वारा दिया गया एक सर्वश्रेष्ठ उपहार है। एक प्रकार से इंटरनेट अनंत संभावनाओं का साधन है।

इंटरनेट पर निबंध 6 (600 शब्द)

प्रस्तावना

इंटरनेट एक वैश्विक नेटवर्क है जो पूरी दुनिया के कम्प्यूटरों को एक साथ जोड़ता है। इसने रोज के कार्यों की प्राप्ति को बेहद आसान बनाया है जो कि एक समय कठिन लंबा और समय लेने वाला था। हमलोग बिना इसके अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते जिसको इंटरनेट कहा जाता है। जैसाकि इस धरती पर हर चीज का एक फायदा-नुकसान होता है उसी तरह इंटरनेट का भी हमारे जीवन का अच्छा और बुरा प्रभाव है। इंटरनेट की वजह से ही ऑनलाइन संचार बहुत ही सरल और आसान हो गया है। पुराने समय में संचार का माध्यम पत्र होता था जो कि लंबा समय लेने वाला और कठिन होता था क्योंकि इसके लिये किसी एक को लंबी दूरी तय कर संदेश पहुँचाना पड़ता था। लेकिन अब, कुछ सोशल नेटवर्किग साइट को खोलने के लिये हमें सिर्फ इंटरनेट से जुड़ने की जरूरत है साथ ही जी-मेल, याहू आदि जैले ईमेल अकाउंटों द्वारा हम मात्र कुछ सेकेंडो में ही अपने संदेश दूसरे व्यक्ति तक पहुंचा सकते है।

इंटरनेट का महत्व

मेट्रों, रेलवे, व्यापारिक उद्योग, दुकान, स्कूल, कॉलेज, शिक्षण संस्थान, एनजीओ, विश्वविद्यालय, कार्यालय (सरकारी तथा गैर-सरकारी) में हर डाटा को कंप्यूरीकृत करके बड़े स्तर पर कागज और कागजी कार्यों से बचा जा सकता है, ऐसा करने से कार्यों में पारदर्शिता भी बढ़ेगी। इसके माध्यम से एक जगह से पूरे विश्व के बारे में समय-समय पर खबर जाना जा सकता है। ढ़ेर सारी जानकारियों को जमा करने में ये बहुत दक्ष और प्रभावकारी है चाहे वो किसी भी विषय से संदर्भित हो चंद सेकेंड में ही उपलब्ध हो जाएगा। ये शिक्षा, यात्रा, और व्यापार में बहुत उपयोगी है। इसके द्वारा ऑनलाइन पब्लिक लाइब्रेरी, टेक्स्टबुक, तथा संबद्ध विषयों तक पहुँच आसान हुई है।

इतिहास

पहले के समय में जब लोग के पास इंटरनेट की सुविधा नही थी, तो उन्हें कई प्रकार के सामान्य कार्यों के लिये भी कई घंटों तक लाइनों में लगे रहमा पड़ता था जैसे रेलवे का टिकट लेने, बिजली का बिल जमा करने तथा आवेदन पत्र जमा करने जैसे कार्यों के लिए काफी दिकक्तों का सामना करना पड़ता था। लेकिन आधुनिक समय में लोग बस एक क्लिक से टिकट की बुकिंग कर सकते है साथ ही एक सॉफ्ट कॉपी अपने मोबाईल फोन में भी रख सकते है। इंटरनेट की दुनिया में, यह कोई जरुरी नही है कि कोई व्यक्ति अपने व्यपारिक या नीजी मुलाकात के लिए घटों यात्रा करके किसी स्थान पर जाये। आज के समय में हम विडियों कॉनप्रेंसिंग, कॉलिंग, स्काईप या दूसरे तरीकों से अपनी जगह पर रह कर ही किसी भी व्यापारिक या नीजी बैठक का हिस्सा बन सकते है।

इंटरनेट अपने आप में कोई आविष्कार नहीं है। इंटरनेट टेलीफोन , कंप्यूटर व दूसरी तकनीक को इस्तेमाल करके बनायी गयी एक ऐसी प्रणाली है, जिसमें सूचना व तकनीक का साझा उपयोग किया जा सकता है। इंटरनेट का निर्माण संयुक्त राज्य अमेरिका के रक्षा विभाग द्वारा लगभग सन् 1960 में अपरानेट नाम के प्रोजेक्ट से किया गया था। इंटरनेट हमें कई तरीकों से फायदा पहुँचाता है जैसे ऑनलाइन स्कूल, कॉलेज, या विश्वविद्यालयों में दाखिला दिलाने में, व्यापारिक और बैंकिंग लेन-देन में, शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्ति में, ड्राइविंग लाइसेंस आवेदन करने में, बिल जमा करने आदि में मदद

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