Hindi, asked by ismailamedkhan03, 1 year ago

internet ne manav ke jeevan ko suqmay banaya hai kaise sapat kijiye

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Answered by himanshu6766
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is se hamare har Kam fast hote he.

Answered by jyotitomar
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इंटरनेट समाज की एक बड़ी जरूरत बनकर उभर रहा है। चाहे वह भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने के साधन के तौर पर हो, कार्यपालिका में पारदर्शिता लाने की बात हो या फिर सामाजिक क्रांति की। समय-समय पर इंटरनेट ने अपना रोल अदा करके यह साबित किया है कि भविष्य के समाज में इंटरनेट का वर्चस्व रहेगा। शायद इसलिए संयुक्त राष्ट्र ने इंटरनेट को मानवाधिकार के रूप में देखना शुरू कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, इंटरनेट सेवा से लोगों को वंचित करना और ऑनलाइन सूचनाओं के मुक्त प्रसार में बाधा पहुंचाना मानवाधिकारों के उल्लघंन की श्रेणी में माना जाएगा। संयुक्त राष्ट्र के विशेष प्रतिनिधि फ्रैंक ला ने यह रिपोर्ट विचारों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार के प्रसार व संरक्षण के अधीन तैयार की है।

फिनलैंड में तो इसकी शुरुआत हो भी गई है। उसने इंटरनेट को नागरिकों के मूलभूत कानूनी अधिकारों में शामिल कर लिया है। 1980 में यूनेस्को ने शीन मैकब्राइड की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की थी, जिसने मेनी वॉयसेस वन वर्ल्ड के नाम से अपनी रिपोर्ट में कहा था कि मौजूदा सूचना व्यवस्था विकसित और धनी देशों के वर्चस्व वाली है। इस असंतुलन को दूर करने के लिए नई विश्व सूचना व्यवस्था की सिफारिश की गई। किंतु आज तक उस पर कुछ नहीं हुआ।

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