Social Sciences, asked by shiprathakur645, 5 months ago

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रूलर सोशलॉजी बुक के लेखक कौन है​

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Answered by urmilaprajapati88687
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Answer:

यूपी के मेरठ के रहने वाले शशांक मिश्रा ने यूपीएससी में 7वीं रैंक हासिल कर IAS बनने का सपना पूरा कर लिया है। बता दें कि शशांक मिश्रा जब 12वीं पढ़ाई कर रहे थे तो उनके पिता का निधन हो गया। पिता के निधन के बाद आर्थिक तंगी का दौर शुरु हो गया जिसके कारण फीस भरना तक मुश्किल था। इन सब परेशानियों के बावजूद भी उन्होंने धैर्य बनाया रखा जिस वजह से आज उनका आईएएस बनने का सपना पूरा हो गया।

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पारिवारिक जीवन और कैसे पूरी की पढ़ाई

-शशांक मिश्रा के पिता यूपी के कृषि डिपार्टमेंट में डिप्टी कमिश्नर थे। जब पिता का निधन हुआ था उस वक्त वह 12वीं के साथ आईआईटी की तैयारी कर रहे थे। पिता के निधन के बाद तीनों भाई -बहन की जिम्मेदारी भी उन पर आ गई थी। नई दिल्ली: हर एक इंसान जिंदगी में मुश्किलों से जूझते हुए किसी न किसी दिन सफलता हासिल करता है। एक ऐसी ही कहानी की बात करने जा रहे है जिसने कड़ी मेहनत के दम पर यूपीएससी में 7वीं रैंक हासिल कर ली है। यूपीएससी की ओर से हर वर्ष आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा देश की चुनौतिपूर्ण परीक्षाओं में से एक है। देश के कई युवा बचपन से इस परीक्षा को पास कर IAS बनने का सपना संजोते हैं। शशांक मिश्रा की कहानी ऐसी ही मुश्किलों से जूझते नौजवानों के लिए एक प्रेरणा है। यूपी के मेरठ के रहने वाले शशांक मिश्रा ने यूपीएससी में 7वीं रैंक हासिल कर IAS बनने का सपना पूरा कर लिया है। बता दें कि शशांक मिश्रा जब 12वीं पढ़ाई कर रहे थे तो उनके पिता का निधन हो गया। पिता के निधन के बाद आर्थिक तंगी का दौर शुरु हो गया जिसके कारण फीस भरना तक मुश्किल था। इन सब परेशानियों के बावजूद भी उन्होंने धैर्य बनाया रखा जिस वजह से आज उनका आईएएस बनने का सपना पूरा हो गया।

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पारिवारिक जीवन और कैसे पूरी की पढ़ाई

-शशांक मिश्रा के पिता यूपी के कृषि डिपार्टमेंट में डिप्टी कमिश्नर थे। जब पिता का निधन हुआ था उस वक्त वह 12वीं के साथ आईआईटी की तैयारी कर रहे थे। पिता के निधन के बाद तीनों भाई -बहन की जिम्मेदारी भी उन पर आ गई थी। नई दिल्ली: हर एक इंसान जिंदगी में मुश्किलों से जूझते हुए किसी न किसी दिन सफलता हासिल करता है। एक ऐसी ही कहानी की बात करने जा रहे है जिसने कड़ी मेहनत के दम पर यूपीएससी में 7वीं रैंक हासिल कर ली है। यूपीएससी की ओर से हर वर्ष आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा देश की चुनौतिपूर्ण परीक्षाओं में से एक है। देश के कई युवा बचपन से इस परीक्षा को पास कर IAS बनने का सपना संजोते हैं। शशांक मिश्रा की कहानी ऐसी ही मुश्किलों से जूझते नौजवानों के लिए एक प्रेरणा है। यूपी के मेरठ के रहने वाले शशांक मिश्रा ने यूपीएससी में 7वीं रैंक हासिल कर IAS बनने का सपना पूरा कर लिया है। बता दें कि शशांक मिश्रा जब 12वीं पढ़ाई कर रहे थे तो उनके पिता का निधन हो गया। पिता के निधन के बाद आर्थिक तंगी का दौर शुरु हो गया जिसके कारण फीस भरना तक मुश्किल था। इन सब परेशानियों के बावजूद भी उन्होंने धैर्य बनाया रखा जिस वजह से आज उनका आईएएस बनने का सपना पूरा हो गया।

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पारिवारिक जीवन और कैसे पूरी की पढ़ाई

  1. -शशांक मिश्रा के पिता यूपी के कृषि डिपार्टमेंट में डिप्टी कमिश्नर थे। जब पिता का निधन हुआ था उस वक्त वह 12वीं के साथ आईआईटी की तैयारी कर रहे थे। पिता के निधन के बाद तीनों भाई -बहन की जिम्मेदारी भी उन पर आ गई थी। नई दिल्ली: हर एक इंसान जिंदगी में मुश्किलों से जूझते हुए किसी न किसी दिन सफलता हासिल करता है। एक ऐसी ही कहानी की बात करने जा रहे है जिसने कड़ी मेहनत के दम पर यूपीएससी में 7वीं रैंक हासिल कर ली है। यूपीएससी की ओर से हर वर्ष आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा देश की चुनौतिपूर्ण परीक्षाओं में से एक है। देश के कई युवा बचपन से इस परीक्षा को पास कर IAS बनने का सपना संजोते हैं। शशांक मिश्रा की कहानी ऐसी ही मुश्किलों से जूझते नौजवानों के लिए एक प्रेरणा है। नई दिल्ली: हर एक इंसान जिंदगी में मुश्किलों से जूझते हुए किसी न किसी दिन सफलता हासिल करता है। एक ऐसी ही कहानी की बात करने जा रहे है जिसने कड़ी मेहनत के दम पर यूपीएससी में 7वीं रैंक हासिल कर ली है। यूपीएससी की ओर से हर वर्ष आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा देश की चुनौतिपूर्ण परीक्षाओं में से एक है। देश के कई युवा बचपन से इस परीक्षा को पास कर IAS बनने का सपना संजोते हैं। शशांक मिश्रा की कहानी ऐसी ही मुश्किलों से जूझते नौजवानों के लिए एक प्रेरणा है।
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