Iodine ki kami se hone wala rog.
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आयोडीन एक ऐसा खनिज है, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए अति आवश्यक है। अक्सर ये देखा गया है कि हमारी रोज़मर्रा की भाग दौड़ वाली ज़िन्दगी में हम कुछ इस कदर मशगूल रहते हैं, कि अपने खानपान पर ध्यान नहीं देते। इसके कारण कम उम्र में बीमारियाँ घेर लेती हैं।
आयोडीन न सिर्फ हमारे थायराइड ग्लैंड को सुचारू रूप से काम करने में मदद करता है, बल्कि आयोडीन के इस्तेमाल से हमारे नस, मांसपेशिया में रक्तप्रवाह भी सुचारु रूप से होता है।
आयोडीन आपके शरीर में पाए जाने वाले गुड कॉल्सस्ट्रोल को बढ़ाता है, जिससे ह्रदय रोग सम्बंधित बीमारियाँ आपको तंग नहीं करती। बढ़ते प्रदूषण और जंगल की आग के तरह फैल रहे बीमारियों से आप बचे रहते हैं।
न आपको कम उम्र में बूढ़े होंने वाले लक्षणों से जूझना पड़ता है और न ही डॉक्टर के चक्कर लगाने पड़ते है। आयोडीन हमारे रोज़मर्रा के खान पान जैसे ताज़े फलों, सब्ज़ियों,अंडे की जर्दी, सी फूड्स में मिलता है।
आयोडीन की कमी से लोगों में घाघ रोग जिसे अंग्रेजी में गोइटर कहते हैं, वो हो सकता है। यह एक ऐसा रोग है, जिसमे आपके गले के पास पाए जाने वाले थाइरोइड ग्लैंड में सूजन आ जाती है।
थाइरोइड ग्लैंड या तो अत्यधिक हॉर्मोन्स सीक्रेट करने लगता है, नहीं तो आपके शरीर में हॉर्मोन्स की मात्रा इतनी कम होने लगती है, कि आपको हाइपोथायरायडिज्म जैसी बीमारी घर कर ले सकती है।
अगर आपको ज्ञात न हो, तो मैं ये बात आपको बताना चाहूंगी, कि हमारे शरीर के सुचारू रूप से चलने के लिये जितने हॉर्मोन्स की ज़रूरत है, उसके 65% का संचालक हमारा थाइरोइड ग्लैंड है। अब आप ये अंदाज़ा लगा सकते हैं, कि अगर थाइरोइड ग्लैंड में कोई समस्या हुई तो आपका शरीर किस तरह से भुगतेगा।
घाघ रोग की शुरुआत में आपको किसी भी तरह की परेशानी या असुविधा का एहसास नहीं होगा। आपके गले में हो सकता है हल्का हल्का दर्द हो और थोड़ी सूजन हो जाए।
अक्सर लोग उसे टॉन्सिल की समस्या समझकर नज़रंदाज़ कर देते है। यही से समस्या की शुरुआत होती है। सर्वप्रथम सूजन से शुरू होने के बाद आपके गले में ये एक अंडाकार शक्ल लेकर बाहर की और निकलने लगता है।
अपने खानपान का विशेष ध्यान रखें । एक बैलेंस डाइट लें, जिसमे हर तरह के पोष्टिक तत्व आपके शरीर को प्राप्त हो सकें। अगर आपको समस्या हो चुकी है, तो चिकित्सक से परामर्श करें। रोज़ सुबह व्यायाम करें ।आयोडीन युक्त आहार ले।
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आयोडीन न सिर्फ हमारे थायराइड ग्लैंड को सुचारू रूप से काम करने में मदद करता है, बल्कि आयोडीन के इस्तेमाल से हमारे नस, मांसपेशिया में रक्तप्रवाह भी सुचारु रूप से होता है।
आयोडीन आपके शरीर में पाए जाने वाले गुड कॉल्सस्ट्रोल को बढ़ाता है, जिससे ह्रदय रोग सम्बंधित बीमारियाँ आपको तंग नहीं करती। बढ़ते प्रदूषण और जंगल की आग के तरह फैल रहे बीमारियों से आप बचे रहते हैं।
न आपको कम उम्र में बूढ़े होंने वाले लक्षणों से जूझना पड़ता है और न ही डॉक्टर के चक्कर लगाने पड़ते है। आयोडीन हमारे रोज़मर्रा के खान पान जैसे ताज़े फलों, सब्ज़ियों,अंडे की जर्दी, सी फूड्स में मिलता है।
आयोडीन की कमी से लोगों में घाघ रोग जिसे अंग्रेजी में गोइटर कहते हैं, वो हो सकता है। यह एक ऐसा रोग है, जिसमे आपके गले के पास पाए जाने वाले थाइरोइड ग्लैंड में सूजन आ जाती है।
थाइरोइड ग्लैंड या तो अत्यधिक हॉर्मोन्स सीक्रेट करने लगता है, नहीं तो आपके शरीर में हॉर्मोन्स की मात्रा इतनी कम होने लगती है, कि आपको हाइपोथायरायडिज्म जैसी बीमारी घर कर ले सकती है।
अगर आपको ज्ञात न हो, तो मैं ये बात आपको बताना चाहूंगी, कि हमारे शरीर के सुचारू रूप से चलने के लिये जितने हॉर्मोन्स की ज़रूरत है, उसके 65% का संचालक हमारा थाइरोइड ग्लैंड है। अब आप ये अंदाज़ा लगा सकते हैं, कि अगर थाइरोइड ग्लैंड में कोई समस्या हुई तो आपका शरीर किस तरह से भुगतेगा।
घाघ रोग की शुरुआत में आपको किसी भी तरह की परेशानी या असुविधा का एहसास नहीं होगा। आपके गले में हो सकता है हल्का हल्का दर्द हो और थोड़ी सूजन हो जाए।
अक्सर लोग उसे टॉन्सिल की समस्या समझकर नज़रंदाज़ कर देते है। यही से समस्या की शुरुआत होती है। सर्वप्रथम सूजन से शुरू होने के बाद आपके गले में ये एक अंडाकार शक्ल लेकर बाहर की और निकलने लगता है।
अपने खानपान का विशेष ध्यान रखें । एक बैलेंस डाइट लें, जिसमे हर तरह के पोष्टिक तत्व आपके शरीर को प्राप्त हो सकें। अगर आपको समस्या हो चुकी है, तो चिकित्सक से परामर्श करें। रोज़ सुबह व्यायाम करें ।आयोडीन युक्त आहार ले।
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sneha19052003:
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