Iraq bhaugolik vividhta ka desh hai is kathan ke char bandhuon dwara pushti
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उत्तर :-
मेसोपोटामिया आजकल के इराक का भाग था । इराक भौगोलिक विविधता का देश है । जिसमें हरे- भरे, ऊंचे-नीचे मैदान पूर्वोत्तर भाग में फैले हैं । यहां पशुपालन खेती की तुलना में आजीविका का अधिक अच्छा साधन है । पूर्व में दजला की सहायक नदियां ईरान के पहाड़ी प्रदेशों में जाने का परिवहन का अच्छा साधन है ।
इसका दक्षिण भाग रेगिस्तान है । यही सबसे पहले नगरों की स्थापना और लेखन प्रणाली प्रारंभ हुई थी । फरात और दजला नदियां अपने साथ पहाड़ों से उपजाऊ मिट्टी लाती हैं । फरात नदी की धाराएं नहरों का काम करती हैं । यहां पर गेहूं, जौ और मसूर की उपज होती है
खेती के अलावा भेड़ बकरियां स्टेपी घास के मैदानों, पूर्वोत्तर मैदानों और पहाड़ों के ढालों पर पाली जाती थी । इन से भारी मात्रा में मांस, दूध और ऊन आदि मिलता था । इसके अलवा नदियों में मछलियां काफी मात्रा में थी और गर्मियों में खजूर के पेड़ बहुत फलदायक होते थे ।
मेसोपोटामिया आजकल के इराक का भाग था । इराक भौगोलिक विविधता का देश है । जिसमें हरे- भरे, ऊंचे-नीचे मैदान पूर्वोत्तर भाग में फैले हैं । यहां पशुपालन खेती की तुलना में आजीविका का अधिक अच्छा साधन है । पूर्व में दजला की सहायक नदियां ईरान के पहाड़ी प्रदेशों में जाने का परिवहन का अच्छा साधन है ।
इसका दक्षिण भाग रेगिस्तान है । यही सबसे पहले नगरों की स्थापना और लेखन प्रणाली प्रारंभ हुई थी । फरात और दजला नदियां अपने साथ पहाड़ों से उपजाऊ मिट्टी लाती हैं । फरात नदी की धाराएं नहरों का काम करती हैं । यहां पर गेहूं, जौ और मसूर की उपज होती है
खेती के अलावा भेड़ बकरियां स्टेपी घास के मैदानों, पूर्वोत्तर मैदानों और पहाड़ों के ढालों पर पाली जाती थी । इन से भारी मात्रा में मांस, दूध और ऊन आदि मिलता था । इसके अलवा नदियों में मछलियां काफी मात्रा में थी और गर्मियों में खजूर के पेड़ बहुत फलदायक होते थे ।