Is kahaani me aajkal ki thaleem ke bare me Kya kaha he?
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दारुल उलूम वक्फ में चौबीस परगना बंगाल के छात्रों की संस्था बज्म-ए-तैयब के वार्षिक समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि छात्रों को बुजुर्गों के रास्ते पर चलना चाहिए। उस्ताद मौलाना अब्दुल लतीफ कासमी ने कहा कि तालीम की इंसान के जीवन में उतनी ही अहमियत है जितना की जिंदगी जीने के लिए पानी की। मौलवी फजलुर्रहमान ने भी विचार व्यक्त किए।
समारोह में छात्रों के बीच जंग-ए-आजादी में उलेमा का किरदार विषय पर भाषण प्रतियोगिता हुई। मदरसा रेहड़ी ताजपुरा के छात्र अहमद मुस्तफा प्रथम, मजाहिर उलूम सहारनपुर के लुकमान द्वितीय और मदरसा रायपुर सहारनपुर के जाहिदुल इस्लाम ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। विजयी छात्रों को पुरस्कार स्वरूप पुस्तकें भेंट की गईं। मौलाना समीउद्दीन कासमी ने दुआ कराई। सैय्यद हारिस, सैय्यद अहमद कमाल, जहांगीर आलम, रजाउल करीम, तौफीकुल इस्लाम, इब्राहीम, अजहरुलहक, इलियास, मेहरुल्ला, अब्दुल्ला, रफीकुल इस्लाम आदि मौजूद रहे।
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