Is narendra modi the best prime minister of india , pleaae answer in hindi
jaskiran1216:
no
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की आकांक्षाओं और आशाओं के द्योतक हैं।
मई 2014 में अपना पद संभालने के बाद से ही प्रधानमंत्री मोदी चहुंमुखी और समावेशी विकास की यात्रा पर निकल पड़े हैं जहां हर भारतीय अपनी आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा कर सके। वे ‘अंत्योदय’, अर्थात, अंतिम व्यक्ति तक सेवा पहुंचाने के सिद्धांत से अत्यधिक प्रेरित हैं।
नवीन विचारों और पहल के माध्यम से सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि प्रगति की रफ्तार तेज हो और हर नागरिक को विकास का लाभ मिले। अब शासन मुक्त है, इसकी प्रक्रिया आसान हुई है एवं इसमें पारदर्शिता आई है।
पहली बार प्रधानमंत्री जन-धन योजना के माध्यम से अभूतपूर्व बदलाव आया है जिसके अंतर्गत यह सुनिश्चित किया गया है कि देश के सभी नागरिक वित्तीय तंत्र में शामिल हों। कारोबार को आसान बनाने के अपने लक्ष्य को केंद्र में रखकर ‘मेक इन इंडिया’ के उनके आह्वान से निवेशकों और उद्यमियों में अभूतपूर्व उत्साह और उद्यमिता के भाव का संचार हुआ है। ‘श्रमेव जयते’ पहल के अंतर्गत श्रम सुधारों और श्रम की गरिमा से लघु और मध्यम उद्योगों में लगे अनेक श्रमिकों का सशक्तिकरण हुआ है और देश के कुशल युवाओं को भी प्रेरणा मिली है।
पहली बार भारत सरकार ने भारत के लोगों के लिए तीन सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की शुरुआत की और साथ-ही-साथ बुजुर्गों को पेंशन एवं गरीबों को बीमा सुरक्षा देने पर भी ध्यान केंद्रित किया है। जुलाई 2015 में प्रधानमंत्री ने डिजिटल इंडिया बनाने के उद्देश्य से डिजिटल इंडिया मिशन की शुरुआत की ताकि प्रौद्योगिकी की मदद से लोगों के जीवन में बेहतर बदलाव लाए जा सकें।
2 अक्टूबर 2014 को महात्मा गांधी की जयंती पर प्रधानमंत्री ने ‘स्वच्छ भारत मिशन - देशभर में स्वच्छता के लिए एक जन-आंदोलन’ की शुरुआत की। इस अभियान की व्यापकता एवं इसका प्रभाव ऐतिहासिक है।
नरेन्द्र मोदी की विदेश नीति से संबंधित विभिन्न पहल में विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत की वैश्विक मंच पर वास्तविक क्षमता एवं भूमिका की छाप दिखती है। उन्होंने सभी सार्क देशों के राष्ट्राध्यक्षों की उपस्थिति में अपने कार्यकाल की शुरुआत की। संयुक्त राष्ट्र महासभा में दिए गए उनके भाषण की दुनिया भर में प्रशंसा हुई। नरेन्द्र मोदी भारत के ऐसे प्रथम प्रधानमंत्री बने जिन्होंने 17 वर्ष के लंबे अंतराल के बाद नेपाल, 28 वर्ष बाद ऑस्ट्रेलिया, 31 वर्ष बाद फिजी और 34 वर्ष बाद सेशेल्स की द्विपक्षीय यात्रा की। पदभार ग्रहण करने के बाद से नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र, ब्रिक्स, सार्क और जी-20 शिखर सम्मेलनों में भाग लिया, जहां अनेक प्रकार के वैश्विक, आर्थिक और राजनैतिक मुद्दों पर भारत के कार्यक्रमों एवं विचारों की जबर्दस्त सराहना की गई। जापान की उनकी यात्रा से भारत-जापान संबंधों में एक नए युग की शुरुआत हुई। वे मंगोलिया की यात्रा करने वाले प्रथम भारतीय प्रधानमंत्री हैं और चीन व दक्षिण कोरिया की उनकी यात्राएं भारत में निवेश लाने की दृष्टि से कामयाब रही हैं। फ्रांस और जर्मनी की अपनी यात्रा के दौरान वे यूरोप के साथ निरंतर जुड़े रहे।
श्री नरेन्द्र मोदी ने अरब देशों के साथ मजबूत संबंधों को काफी महत्व दिया है। अगस्त 2015 में संयुक्त अरब अमीरात की उनकी यात्रा 34 साल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा थी जिसके दौरान उन्होंने खाड़ी देशों के साथ भारत की आर्थिक भागीदारी को बढ़ाने के लिए व्यापक स्तर पर पहल की। जुलाई 2015 में श्री मोदी ने पांच मध्य एशियाई देशों का दौरा किया। यह यात्रा अपने-आप में खास एवं विशेष रही। भारत और इन देशों के बीच ऊर्जा, व्यापार, संस्कृति और अर्थव्यवस्था जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण समझौते हुए। अक्टूबर 2015 में नई दिल्ली में ऐतिहासिक भारत-अफ्रीका फोरम सम्मेलन का आयोजन हुआ जिसमें 54 अफ्रीकी देशों ने भाग लिया। 41 अफ्रीकी देशों के नेताओं ने इस सम्मेलन में भाग लिया जिसमें भारत-अफ्रीका संबंधों को मजबूत बनाने पर व्यापक विचार-विमर्श किया गया। स्वयं प्रधानमंत्री ने सम्मेलन में भाग लेने आये अफ्रीकी नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक की।
मई 2014 में अपना पद संभालने के बाद से ही प्रधानमंत्री मोदी चहुंमुखी और समावेशी विकास की यात्रा पर निकल पड़े हैं जहां हर भारतीय अपनी आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा कर सके। वे ‘अंत्योदय’, अर्थात, अंतिम व्यक्ति तक सेवा पहुंचाने के सिद्धांत से अत्यधिक प्रेरित हैं।
नवीन विचारों और पहल के माध्यम से सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि प्रगति की रफ्तार तेज हो और हर नागरिक को विकास का लाभ मिले। अब शासन मुक्त है, इसकी प्रक्रिया आसान हुई है एवं इसमें पारदर्शिता आई है।
पहली बार प्रधानमंत्री जन-धन योजना के माध्यम से अभूतपूर्व बदलाव आया है जिसके अंतर्गत यह सुनिश्चित किया गया है कि देश के सभी नागरिक वित्तीय तंत्र में शामिल हों। कारोबार को आसान बनाने के अपने लक्ष्य को केंद्र में रखकर ‘मेक इन इंडिया’ के उनके आह्वान से निवेशकों और उद्यमियों में अभूतपूर्व उत्साह और उद्यमिता के भाव का संचार हुआ है। ‘श्रमेव जयते’ पहल के अंतर्गत श्रम सुधारों और श्रम की गरिमा से लघु और मध्यम उद्योगों में लगे अनेक श्रमिकों का सशक्तिकरण हुआ है और देश के कुशल युवाओं को भी प्रेरणा मिली है।
पहली बार भारत सरकार ने भारत के लोगों के लिए तीन सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की शुरुआत की और साथ-ही-साथ बुजुर्गों को पेंशन एवं गरीबों को बीमा सुरक्षा देने पर भी ध्यान केंद्रित किया है। जुलाई 2015 में प्रधानमंत्री ने डिजिटल इंडिया बनाने के उद्देश्य से डिजिटल इंडिया मिशन की शुरुआत की ताकि प्रौद्योगिकी की मदद से लोगों के जीवन में बेहतर बदलाव लाए जा सकें।
2 अक्टूबर 2014 को महात्मा गांधी की जयंती पर प्रधानमंत्री ने ‘स्वच्छ भारत मिशन - देशभर में स्वच्छता के लिए एक जन-आंदोलन’ की शुरुआत की। इस अभियान की व्यापकता एवं इसका प्रभाव ऐतिहासिक है।
नरेन्द्र मोदी की विदेश नीति से संबंधित विभिन्न पहल में विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत की वैश्विक मंच पर वास्तविक क्षमता एवं भूमिका की छाप दिखती है। उन्होंने सभी सार्क देशों के राष्ट्राध्यक्षों की उपस्थिति में अपने कार्यकाल की शुरुआत की। संयुक्त राष्ट्र महासभा में दिए गए उनके भाषण की दुनिया भर में प्रशंसा हुई। नरेन्द्र मोदी भारत के ऐसे प्रथम प्रधानमंत्री बने जिन्होंने 17 वर्ष के लंबे अंतराल के बाद नेपाल, 28 वर्ष बाद ऑस्ट्रेलिया, 31 वर्ष बाद फिजी और 34 वर्ष बाद सेशेल्स की द्विपक्षीय यात्रा की। पदभार ग्रहण करने के बाद से नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र, ब्रिक्स, सार्क और जी-20 शिखर सम्मेलनों में भाग लिया, जहां अनेक प्रकार के वैश्विक, आर्थिक और राजनैतिक मुद्दों पर भारत के कार्यक्रमों एवं विचारों की जबर्दस्त सराहना की गई। जापान की उनकी यात्रा से भारत-जापान संबंधों में एक नए युग की शुरुआत हुई। वे मंगोलिया की यात्रा करने वाले प्रथम भारतीय प्रधानमंत्री हैं और चीन व दक्षिण कोरिया की उनकी यात्राएं भारत में निवेश लाने की दृष्टि से कामयाब रही हैं। फ्रांस और जर्मनी की अपनी यात्रा के दौरान वे यूरोप के साथ निरंतर जुड़े रहे।
श्री नरेन्द्र मोदी ने अरब देशों के साथ मजबूत संबंधों को काफी महत्व दिया है। अगस्त 2015 में संयुक्त अरब अमीरात की उनकी यात्रा 34 साल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा थी जिसके दौरान उन्होंने खाड़ी देशों के साथ भारत की आर्थिक भागीदारी को बढ़ाने के लिए व्यापक स्तर पर पहल की। जुलाई 2015 में श्री मोदी ने पांच मध्य एशियाई देशों का दौरा किया। यह यात्रा अपने-आप में खास एवं विशेष रही। भारत और इन देशों के बीच ऊर्जा, व्यापार, संस्कृति और अर्थव्यवस्था जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण समझौते हुए। अक्टूबर 2015 में नई दिल्ली में ऐतिहासिक भारत-अफ्रीका फोरम सम्मेलन का आयोजन हुआ जिसमें 54 अफ्रीकी देशों ने भाग लिया। 41 अफ्रीकी देशों के नेताओं ने इस सम्मेलन में भाग लिया जिसमें भारत-अफ्रीका संबंधों को मजबूत बनाने पर व्यापक विचार-विमर्श किया गया। स्वयं प्रधानमंत्री ने सम्मेलन में भाग लेने आये अफ्रीकी नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक की।
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हे मित्र , ये रहा तुम्हारा उत्तर _________☺
मेरे हिसाब से नरेंद्र मोदी जी अब तक के सबसे अचे प्रधानमंत्री है, लेकिन सारे लोगों की सोच एक जैसी नहीं होती, अगर कुछ को वो अच्छे लगते हैं , तोह कुछ को वो बुरे भी लगते हैं, वैसे में कोण हित हु किसी को अच्छा या बुरा बोलने वाला , सुरु से लेके अब तक जो भी प्रधानमंत्री थे सब बहुत अच्छे थे पर सबके अलग अलग काम करने के तरीके होते हैं,
पर मेरे लिए नरेंद्र मोदी जी ही अभी तक के सब से अचे प्रधानंत्री है।
मेरा उत्तर पढ़ने के सुक्रिया , उम्मीद है आपको मेरा उत्तर पसंद आया , धन्यवाद।
मेरे हिसाब से नरेंद्र मोदी जी अब तक के सबसे अचे प्रधानमंत्री है, लेकिन सारे लोगों की सोच एक जैसी नहीं होती, अगर कुछ को वो अच्छे लगते हैं , तोह कुछ को वो बुरे भी लगते हैं, वैसे में कोण हित हु किसी को अच्छा या बुरा बोलने वाला , सुरु से लेके अब तक जो भी प्रधानमंत्री थे सब बहुत अच्छे थे पर सबके अलग अलग काम करने के तरीके होते हैं,
पर मेरे लिए नरेंद्र मोदी जी ही अभी तक के सब से अचे प्रधानंत्री है।
मेरा उत्तर पढ़ने के सुक्रिया , उम्मीद है आपको मेरा उत्तर पसंद आया , धन्यवाद।
(A) कबर्ड
(B) वॉर्डराब
(C) ब्युरो
(D) हैंगर
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