is paath mein se Kavi hamen kisse sambodhit kar raha hai
Attachments:
Answers
Answered by
2
Answer:
मनुष्य को
Explanation:
जब कठिन दौर आता है,तभी मनुष्य की असली पहचान होती है l ऐसे ही दौर को कवि ने अग्निपथ के रूप में देखा है l ऐसे में उसे किसी से मदद नहीं माँगनी चाहिए l ऐसे समय में उसे न तो थमना चाहिए, न ही रुकना चाहिए और न ही पीछे मुड़ना चाहिए l इस प्रयास में हो सकता कि मनुष्य अपने खून-पसीने से नहा जाये लेकिन उसकी दृढ़ इच्छाशक्ति ही उसको उसकी मंजिल तक पहुँचा सकती है l
Similar questions