'इस आनंदोंत्सव की रागिनी में बेमेल स्वर कैसे बज उठा' - वाक्य किस घटना की ओर संकेत कर रहा है?
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इस आनंदोंत्सव की रागिनी में बेमेल स्वर कैसे बज उठा' - वाक्य किस घटना की ओर संकेत कर रहा है? यह वाक्य लेखिका द्वारा कुब्जा मोरनी को लाने की ओर संकेत कर रहा है। कुब्जा मोरनी के आने से पहले नीलकंठ, राधा और अन्य पशु-पक्षी बाड़े में आराम से रह रहे थे जिसे लेखिका ने आनंदोंत्सव की रागिनी कहा है।
kajal9634:
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उत्तर- ‘इस आनंदोत्सव की रागिनी में बेमेल स्वर कैसे बज उठा’ –
वाक्य उस घटना की ओर संकेत कर रहा है, जब लेखिका एक
बार टूटी उंगलियों वाली मोरनी लाई और उसका इलाज कर
चिड़िया घर के दूसरे जानवरों और पक्षियों के साथ रख दिया |
उससे राधा और नीलकंठ का साथ देखा नहीं गया | उसने उन
दोनों के जीवन को कलह-कोलाहल से पूर्ण बना दिया, जिसका
अंत नीलकंठ के मरने के साथ हुआ |
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