इस अध्याय में उद्धृत सोमनाथ लाहिड़ी द्वारा संविधान-सभा में दिए गए वक्तव्य को पढ़ें। क्या आप उनके कथन से सहमत हैं? यदि हाँ तो इसकी पुष्टि में कुछ उदाहरण दें। यदि नहीं तो उनके कथन के विरुद्ध तर्क प्रस्तुत करें।
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Answer with Explanation:
हम सोमनाथ लाहिड़ी द्वारा संविधान सभा में दिए गए वक्तव्य से सहमत नहीं है। निसंदेह भारतीय संविधान प्रत्येक व्यक्ति को विचारों की अभिव्यक्ति की आजादी प्रदान करता है ,परंतु साथ ही सुरक्षा की दृष्टि से नागरिकों के विचारों पर प्रतिबंध लगा सकता है। लगभग सभी अधिकारों पर प्रतिबंध लगाए गए हैं। परंतु अधिकारों पर प्रतिबंध होने का यह अर्थ नहीं है कि अधिकार एक हाथ से देकर दूसरे हाथ से वापस ले लिए गए हैं। वास्तव में स्वतंत्रता या समानता नकारात्मक न होकर सकारात्मक है। सभी नागरिकों को अधिकार तभी प्राप्त हो सकते हैं जब उन पर उचित व नैतिक पूर्ण प्रतिबंध हों। अधिकार कभी भी असीमित नहीं हो सकते। इसके अतिरिक्त राज्य की सुरक्षा अति महत्वपूर्ण है और संकट काल की स्थिति में राज्य की सुरक्षा के लिए अधिकारों पर प्रतिबंध लगाना उचित है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।
इस पाठ से संबंधित कुछ और प्रश्न :
एक मानवाधिकार-समूह ने अपनी याचिका में अदालत का ध्यान देश में मौजूद भूखमरी की स्थिति की तरफ खींचा। भारतीय खाद्य निगम के गोदामों में 5 करोड़ टन से ज़्यादा अनाज भरा हुआ था। शोध से पता चलता है कि अधिकांश राशन-कार्डधारी यह नहीं जानते कि उचित मूल्य की दुकानों से कितनी मात्रा में वे अनाज खरीद सकते हैं। मानवाधिकार समूह ने अपनी याचिका में अदालत से निवेदन किया कि वह सरकार को सार्वजनिक वितरण-प्रणाली में सुधार करने का आदेश दे।
(क) इस मामले में कौन कौन से अधिकार शामिल हैं? ये अधिकार आपस में किस तरह जुड़े हैं?
(ख) क्या ये अधिकार जीवन के अधिकार का एक अंग हैं?
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अनेक रिपोर्टों से पता चलता है कि जो जातियाँ पहले झाड़ देने के काम में लगी थीं उन्हें अब भी मजबूरन यही काम करना पड़ रहा है। जो लोग अधिकार पद पर बैठे हैं वे इन्हें कोई और काम नहीं देते। इनके बच्चों को पढ़ाई-लिखाई करने पर हतोत्साहित किया जाता है। इस उदाहरण में किस मौलिक अधिकार का उल्लंघन हो रहा है।
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Answer:
this answer is political science class 11th