Hindi, asked by srujanbunny2422, 1 year ago

'इस भेद को मेरे सिवाए मेरा ईश्वर ही जानता है। आप उसी से पूछ लीजिए। मैं नहीं बताँऊंगा।'' बिलवासी जी ने यह बात किससे और क्यों कही? लिखिए।

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Answered by nikitasingh79
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'इस भेद को मेरे सिवाए मेरा ईश्वर ही जानता है। आप उसी से पूछ लीजिए। मैं नहीं बताँऊंगा।'' यह बात पंडित बिलवासी मिश्र ने अपने घनिष्ठ मित्र लाला झाऊलाल से कहीं। उन्होंने यह बात तब कहीं जब लालाजी ने उनसे पूछा , “बिलवासी जी! आप मेरे लिए ढाई सौ रुपए घर से लेकर आए। परंतु आपके पास तो थे नहीं।” तब उन्होंने उक्त पंक्ति द्वारा लाला जी को अपना विनम्रतापूर्वक उत्तर दिया ।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।
Answered by jyotibamba
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Answer:

इस भेद को मेरे सिवाए मेरा ईश्वर ही जानता है। आप उसी से पूछ लीजिए। मैं नहीं बताऊँगा।”

बिलवासी जी ने यह बात किससे और क्यों कही? लिखिए।

Solution:

‘बिलवासी’ जी ने यह बात ‘लाला झाऊलाल’ से कही क्योंकि बिलवासीजी ने रुपयों का प्रबंध अपने ही घर से अपनी पत्नी के संदूक से चोरी कर किया था इस रहस्य को वह ‘झाऊलाल’ के सामने खोलना नहीं चाहते थे।

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