इस चित्र को देखकर मंजूषा की सहायता से पाँच शब्दों का "संस्कृत भाषा" मे निर्माण करिये। मंजूषा:- वृक्ष:, बालक:, सूर्य:, पादकन्दुकेन, पर्वता:, पुष्पाणि, खग:, मेघा:, धावत:, क्रीडतः, पदपा:, उदेति।
Please answer fast, it's urgent
Attachments:
Answers
Answered by
2
Answer:
चित्र-वर्णन में एक ही भाव अथवा विचार प्रस्तुत करना चाहिए ।
भूमिका एवं उपसंहार नहीं होना चाहिए ।
विषय का प्रारम्भ शीघ्र ही करना चाहिए ।
वाक्य आपस में सम्बद्ध होने चाहिए ।
विशेषत: वाक्यों में रोचकता होनी चाहिए ।
भाषा सरल, सुबोध और प्रवाहयुक्त होनी चाहिए ।
वाक्य बहुत बड़े नहीं होने चाहिए ।
वाक्य अधिक छोटे भी नहीं होने चाहिए ।
चित्र का वर्णन मंजूषा में दिए गए शब्दों की सहायता से ही करना चाहिए।
मंजूषा के शब्दों का प्रयोग चित्र के अनुसार ही करना चाहिए।
चित्र को ध्यान में रखकर शब्दों के लिंग, वचन और पुरुष में परिवर्तन किया जा सकता है ।
चित्र-वर्णन में उसका केन्द्रीय भाव अथवा शिक्षा आवश्यकतानुसार प्रारम्भ या अन्त में देना चाहिए ।
Similar questions