इस गद्यांश के लेखक का नाम बताइए? अजा देने ,शंख बजाने, नाक दबाने और नमाज पढ़ने का नाम धर्म नहीं है। शुद्धचरण और सदाचार ही धर्म के स्पष्ट चिन्ह है। 2 घंटे तक बैठकर पूजा कीजिए ,और पंच वक्ता नवाज भी अदा कीजिए, परंतु ईश्वर को इस प्रकार रिश्वत के दे चुकने के पश्चात यदि आप अपने को दिनभर बेईमानी करने और दूसरों को तकलीफ पहुंचाने के लिए आजाद समझते हैं ,तो इस धर्म को अब आगे आने वाला समय कदापि नहीं टिकने देगा। अब तो आपका पूजा-पाठ न देखा जाएगा ।आपकी भलमनसाहत की कसौटी केवल आपका आचरण होगी सबके कल्याण की दृष्टि से आपको आचरण को सुधारना पड़ेगा और यदि आप अपने आचरण को नहीं सुधरेंगे, तो नवाज और रोजे पूजा और गायत्री मंत्र आपको देश के अन्य लोगों की आजादी को रौंद ने और देश भर में उत्पादों का कीचड़ उछालने के लिए आजाद न छोड़ सकेगी।
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The earth’s crust has only 0.02% carbon in the form of minerals (like carbonates & bicarbonates, coal,
and petroleum).
The atmosphere has 0.03% of carbon dioxide.
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