इसे जगाओ कविता के मूल भाव क्या है
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इसे जगाओ’ शीर्षक कविता में कवि ने सूर्य से कहा है कि दिन हो गया है, परन्तु आलसी एवं असावधान व्यक्ति सो रहा है, वह सोते समय कोरे सपने देख रहा है। अतः इसे जगाओ। इसी प्रकार कवि पवन से कहता है कि तुम इस सोए हुए व्यक्ति को हवा का झोंका देकर, इसे हिलाकर जगा दो। प्रात:काल होते ही पक्षी चहचहाने लगते हैं। कवि पक्षी को कहता है कि तुम सोए हुए व्यक्ति के कानों में जोर से चहचहाओ, जोर से चिल्लाओ, ताकि इसकी नींद टूट जावे और यह जाग जावे। जो व्यक्ति समय पर नहीं जागता है, वह जीवन में उन्नति की दौड़ में पिछड़ जाता है।
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