इस कहानी के लिए कोई अन्य शीर्षक बताते हुए उसके चुनाव का कारण भी बताइए।
Story-natak mein natak
Ch-2
Answers
Answer ⤵
नाटक बिना तैयारी के नहीं हो सकता क्योंकि नए कलाकार मंच पर आकर डर जाते हैं। अच्छे-अच्छे कलाकार भी बिना रिहर्सल के घबरा जाते हैं। उन्हें पता नहीं चलता कब, क्या, कहाँ और कैसे बोलना है। रिहर्सल में नाटक की इन्हीं महत्वपूर्ण बातों की चर्चा होती है।
2. नाटक की बात
व्यक्तियों या वस्तुओं के नाम काम
कलाकार, मंच अभिनय
Answer:
(क) मोहल्ले के बच्चों ने मिल-जुलकर फालतु पड़े एक छोटे से सार्वजनिक मैदान में दूब व फूल-पौधें लगाए थे। वहीं एक मंच भी बना लिया था।
(ख) पर्दे की आड़ में खड़े अन्य साथी मन ही मन राकेश की तुरतबुद्धि की प्रशंसा कर रहे थे क्योंकि उसने बिगड़े हुए नाटक को सम्भाल लिया था। सभी समझे कि नाटक में नाटक की कठिनाइयाँ बताई गई हैं। सभी दर्शक प्रशंसा करते चले गए।
(ग) नाटक बिना तैयारी के नहीं हो सकता क्योंकि नए कलाकार मंच पर आकर डर जाते हैं। अच्छे-अच्छे कलाकार भी बिना रिहर्सल के घबरा जाते हैं। उन्हें पता नहीं चलता कब, क्या, कहाँ और कैसे बोलना है। रिहर्सल में नाटक की इन्हीं महत्वपूर्ण बातों की चर्चा होती है।