इस कहानी को पढ़कर बड़ी बड़ी डिगिया, न्याय और विद्वता के बारे मं आपको का भरणा बरती है। वर्तमान समय का ध्यान में रखते हुए इस विषय पर शिक्षका के साथ एक गरिदा आयोजित कर। class 11th
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निबंध
आजकल के समय में निबंध लिखना एक महत्वपूर्ण विषय बन चुका है, खासतौर से छात्रों के लिए। ऐसे कई अवसर आते हैं, जब आपको विभिन्न विषयों पर निबंधों की आवश्यकता होती है। निबंधों के इसी महत्व को ध्यान में रखते हुए हमने इन निबंधों को तैयार किया है। हमारे द्वारा तैयार किये गये निबंध बहुत ही क्रमबद्ध तथा सरल हैं और हमारे वेबसाइट पर छोटे तथा बड़े दोनो प्रकार की शब्द सीमाओं के निबंध उपलब्ध हैं।
निबंध क्या है?
कई बार लोगो द्वारा यह प्रश्न पूछा जाता है कि आखिर निबंध क्या है? और निबंध की परिभाषा क्या है? वास्तव में निबंध एक प्रकार की गद्य रचना होती है। जिसे क्रमबद्ध तरीके से लिखा गया हो। एक अच्छा निबंध लिखने के लिए हमें कुछ बातों का ध्यान देना चाहिए जैसे कि – हमारे द्वारा लिखित निबंध की भाषा सरल हो, इसमें विचारों की पुनरावृत्ति न हो, निबंध के विभिन्न हिस्सों को शीर्षकों में बांटा गया हो आदि।
यदि आप इन बातों का ध्यान रखगें तो एक अच्छा निबंध अवश्य लिख पायेंगे। अपने निबंधों के लेखन के पश्चात उसे एक बार अवश्य पढ़े क्योंकि ऐसा करने पर आप अपनी त्रुटियों को ठीक करके अपने निबंधों को और भी अच्छा बना पायेंगे।
हम अपने वेबसाइट पर कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज विद्यार्थियों के लिए विभिन्न प्रकार के निबंध उपलब्ध करा रहे हैं| इस प्रकार के निबंध आपके बच्चों और विद्यार्थियों की अतिरिक्त पाठ्यक्रम गतिविधियों जैसे: निबंध लेखन, वाद-विवाद प्रतियोगिता और विचार-विमर्श में बहुत सहायक हो साबित होंगे|
ये सारे निबंध बहुत आसान शब्दों का प्रयोग करके बहुत ही सरल और आसान भाषा में लिखे गए हैं। इन निबंधों को कोई भी व्यक्ति बहुत ही आसानी से समझ सकता है। हमारे वेबसाइट पर स्कूलों में दिये जाने वाले निबंधों के साथ ही अन्य कई प्रकार के निबंध उपलब्ध है। जो आपके परीक्षाओं तथा अन्य कार्यों के लिए काफी सहायक सिद्ध होंगे, इन दिये गये निबंधों का आप अपनी आवश्यकता अनुसार उपयोग कर सकते हैं। ऐसे ही अन्य सामग्रियों के लिए भी आप हमारी वेबसाइट का प्रयोग कर सकते हैं।
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टीचर को बच्चों से बेहद संजीदगी से बात करनी चाहिए। इससे बच्चे अनुशासित रहते हैं और उनमें आज्ञाकारिता बनी रहती है। बच्चों को हमेशा यह अहसास दिलाना जरूरी है कि उनकी शरारतों की जगह स्कूल नहीं है। उन्हें यह भी बताते रहना चाहिए कि उनके हिस्से का काम क्या है और कहां उन्होंने लिमिट क्रॉस की है।
हायर एजुकेशन में यह बर्ताव बदलता है। वहां ज्यादा से ज्यादा दोस्ताना बर्ताव करना चाहिए। स्टूडेंट्स को जब लगेगा कि आप उनकी उम्र और भावनाओं को समझने वालों में से एक हैं तो न सिर्फ वे आपके कहने में रहेंगे, बल्कि जो सब्जेक्ट्स आप उन्हें पढ़ाएंगे उसमें उनकी दिलचस्पी भी बढ़ेगी। हालांकि कई बार टीचर्स का दोस्ताना बर्ताव किसी स्टूडेंट में आपको लेकर एक खास किस्म की निजी दिलचस्पी भी पैदा कर सकता है। महिला टीचर को लड़कों से और पुरुष टीचर को लड़कियों से ऐसे अनएक्सपेक्टेड अट्रैक्शन से दो-चार होना पड़ता है। स्टूडेंट्स के मन में ग्रोइंग एज में ऐसा लगाव पैदा होना बहुत स्वाभाविक है। इसलिए आप कोशिश करें कि पूरी क्लास से आपका बर्ताव एक जैसा हो।
शोर की वजह और
अगर क्लास के अंदर टीचर के पढ़ाने के दौरान बच्चे शोर मचाते हैं तो इसमें बच्चों से ज्यादा टीचर की गलती है। यह बताता है कि कहीं-न-कहीं उनके पढ़ाने में कुछ कमी है, जिससे बच्चे क्लास में ध्यान नहीं लगा रहे। बच्चों का नेचर है शैतानी करना और शोर मचाना। टीचर क्लास में पूरे ध्यान से पढ़ाएं तो बच्चे भी ध्यान से पढ़ेंगे। छोटी क्लासेस में टीचर्स को शोर पर काबू पाने के लिए पनिशमेंट की बजाय पेशेंस का दांव खेलना चाहिए। कम उम्र के बच्चों को पनिश करना एक हद तक ही कारगर होता है, टीचर बार-बार इस नुस्खे को आजमाएंगे तो बच्चे सुधरने के बदले रिएक्ट करने लगेंगे। हां, धीरज से अगर उन्हें समझाया जाए और पढ़ाई में दिलचस्पी पैदा करने के लिए टीचर अपनी तरफ से कोशिश करें तो शोर का जोर कम पड़ता जाएगा।