इस कहानी को पढ़कर बड़ी बड़ी डिग्रियों,न्याय और विद वता के बारे में आपकी क्या धा रना बनती है ?
lesson- Namak ka daroga class 11
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हमें इस कहानी का पात्र वंशीधर सबसे अधिक प्रभावित करता है। वह ईमानदार, शिक्षित, कर्तव्यपरायण व धर्मनिष्ठ व्यक्ति है। उसके पिता उसे बेईमानी का पाठ पढ़ाते हैं, घर की दयनीय दशा का हवाला देते हैं, परंतु वह इन सबके विपरीत ईमानदारी का व्यवहार करता है। वह स्वाभिमानी है। अदालत में उसके खिलाफ गलत फैसला लिया गया, परंतु उसने स्वाभिमान नहीं खोया। उसकी नौकरी छीन ली गई। कहानी के अंत में उसे अपनी ईमानदारी का फल मिला। पंडित अलोपीदीन ने उसे अपनी सारी जायदाद का आजीवन मैनेजर बनाया।
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Answer:
होरी', 'धनिया', 'वंशीधर' और 'पंडित अलोपीदीन' जैसे पात्र आज भी हमारे गाँवों और शहरों में मौजूद हैं। मुंशी प्रेमचन्द की एक कालजयी रचना 'नमक का दरोगा' का जिक्र इस ब्लॉग में विशेष रूप से कर रहा हूँ, जो मैंने बचपन से लेकर अब तक कई बार पढ़ी है।