Hindi, asked by mahirsaggle, 2 months ago

इस कहानी का सारांश अपने शब्दों में लिखें shivpujan sahay ka

Answers

Answered by lavairis504qjio
10

Explanation:

कहानी का प्लॉट शिवपूजन सहाय द्वारा रचित आत्मकथा, शैली में लिखी गई आंचलिक कहानी है, शिवपूजन सहाय एक सफल कहानीकार व परंतु स्वयं को कहानी लेखन योग्य प्रतिभा हीन बताते हैं इसका कारण उनका विनोद स्वभाव और उनका बड़प्पन कहा जा सकता है। उनके गांव के पास ही एक छोटा सा गांव है उसी गांव में एक बूढे मुंशीजी, रहते हैं उनकी एक पुत्री थी जिसका नाम था।( भगजोगनी) मुंशी जी के बड़े भाई दरोगा थे, और दरोगा जी ने खूब रुपया कमाया था। दरोगा जी जो कमाई से अपनी जिंदगी में ही फूक कर ताप गए ,उनके मरने के बाद सिर्फ एक घोड़ी बची थी। महज सात रुपये में की थी इसी घोड़ी को बेच कर मुंशीजी ने दरोगा जी का श्राद्ध कर्म किया जब दरोगा जी जिंदा थे तो मुंशी जी रोज बतीस बटेर और चौदह चपाती या उड़ा जाते थे। हर साल एक नया जलता हुआ करता था ।परंतु दरोगा जी के मरने के बाद चुल्लू भर करुआ तेल मिलना भी मुहाल हो गया सचमुच अमीरी की कब्र पर पनपी गरीबी बड़ी ही जहरीली होती है। मुंशी जी की बेटी भगजोगनी गरीबी में पैदा हुई थी, और जन्म से ही अपनी मां को के प्यार से वंचित हो गई और उसकी मां का देहात हो गया वह हो गई वह अभागिन तो थी, ही परंतु इसमें शक नहीं कि सुंदरता में अंधेरे घर का दीपक थी । कहानीकर पहले पहल उसे मात्र 11 वर्ष की अवस्था में दिखता है। परंतु उसकी दर्दनाक गरीबी को देखकर उसका भी कलेजा कांप उठता जब वह सयानी हो गई तो मुंशी जी को उसकी शादी की बड़ी चिंता सताती है। मगर हिंदू, समाज कब बिना दहेज के किसी कन्या का विवाह हुआ है कहानीकार ने भी अथक प्रयास किए उसकी शादी किसी भले मानस घर में हो जाए लेकिन परंतु यह हो न सका उसकी शादी 41 - 42 वर्ष की एक अधेड़ से कर दी जाती है वह अचानक चल बसा और पुनः भगजोगनी का विवाह उसके अपने ही बेटे जो कि उसका सौतेला बेटा है कर दिया जाता है भारतीय समाज की व्याप्त कुरीतियां और विषमताओं को बड़े ही मार्मिक रूप में कहानी के माध्यम से बेमेल विवाह दहेज प्रथा गरीबी बुरे कर्म बुरा प्रभाव इत्यादि अर्थों को अपने में समेटे हुए समाज की कड़वी सच्चाई को रू-ब-रू कराता।

Similar questions
Math, 2 months ago