इस कदर बढ़ती अप सिंस्कृतत के घनघोर अिंधेरे में मानिता को राह हदिाने के सलए
साहहजत्यक पत्रत्रकाओिं के जलते हुए मशाल की आिश्यकता होती हैजो अिंधकार में भटकते
मानि को राह हदिा सके । विशाल बािंध और कारिाने तनसमयत कर सिंसार की गहराई नाप कर
मिंगल में पािंि रिकर हम विकास के ढिंग के भले ही पीट लें, यहद आदमी को आदमी बनने
की जुगत नहीिं कर सके तो यह विनाश है। बौद्गधकता और बौद्गधक ताकक दानिीय शजतत
मानि को तनगल जाएगी। ईंट -पत्थर के भिनों में दमदमा हट लाने के सलए ककतने रिंग
रोगन ककए जाते हैंककिंतुहाड मास के पुतले मानि में दया, करुणा, ममता,समरसता और
विश्ि बिंधुत्ि का भाि सिंचरण करने के सलए तिंत्र भी मौन है। इसके सलए दानी दधीगच और
कणय आहद सरीिे त्यागी की आिश्यकता होती है मानिता को यह उपहार सत्ता के आधारकों
से नहीिं, सच्चे साहहत्य साधकों से ही सलया जा सकता है। जब इततहास किं दराओिं में भटक
जाता है , राजमागय से रतत स्नान में कफसल जाता है ,तब मात्र साहहत्यकार विगथकाओिं में
कराहती मनुष्ट्यता की िहािं थाम लेता हैऔर जजन प्रततमाओिं पर समय की धूल पर जाती है
उसे साहहत्यकार ही साफ करता है, सँिारता -सजाता है और उनके गीत गाता है जबकक
साहहत्य प्रत्येक युग के सलए समान रूप से आनिंददायक होता हैऔर हृदय का स्पिंदन एक-
सा रहता है। उसका रहस्य यह है कक िह हृदय का विषय है ।
• अितरण को उगचत शीषयक दीजजए।
• साहहजत्यक पत्रत्रकाओिं की आिश्यकता ककस सलए होती है?
• मानि में कौन-कौन से गुण होने चाहहए?
• साहहत्यकार का तया दातयत्ि है?
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sorry i don't no hindi
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sorry
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answer more questions then only I can give more thanks dear.
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