Hindi, asked by tahirk91307, 21 hours ago

इस कविता के अंतिम छंद में कवि ने क्या इच्छा व्यक्त की है?
'अगर कहीं है स्वर्ग'-इस वाक्यांश के द्वारा कवि क्या कहना चाहत
कवि ने इस कविता में किन गुणों को अपनाने पर बल दिया है?​

Answers

Answered by Anonymous
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Answer:

प्रस्तुत पंक्तियाँ कवि की जग के साथ रहकर चलने की और जग से अलग रहने की स्थिति का वर्णन करता है। कवि जानता है कि मनुष्य संसार से अलग नहीं हो सकता। वह जानता है कि वह इस संसार का एक हिस्सा है। अतः वह कितना भी चाहे परन्तु इससे कटकर रहना संभव नहीं है। वह कहीं भी जाएगा, जग उसके साथ ही होगा। उसे इस जग से चाहे कष्ट ही क्यों न मिले लेकिन इससे अलग होना उसके बस की बात नहीं है।

इस स्थिति से निकलने के लिए उसने एक नया तरीका निकाला है। वह इस जग में रहते हुए भी इसकी उपेक्षा करता है। उसे संसार के लोगों द्वारा कितना भला-बुरा कहा जाता है लेकिन वह उन बातों पर ध्यान ही नहीं देता। उसने अपने अलग व्यक्तित्व तथा जीवन का निर्माण किया हुआ है। वह यहाँ निर्भीकता पूर्वक रहता है। अतः आज वह संसार के साथ रहकर भी उससे अलग हो गया है

Explanation:

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Answered by sp4640684
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Answer:

kavi kahata hai ki yah sansar kabhi us bhagvaan se alag nahi ho sakta

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