Hindi, asked by Mohit9572550808, 10 months ago

इस कविता का अर्थ क्या है

फूलों से नित हँसना सीखो, भौंरों से नित गाना।
तरु की झुकी डालियों से नित, सीखो शीश झुकाना!

सीख हवा के झोकों से लो, हिलना, जगत हिलाना!
दूध और पानी से सीखो, मिलना और मिलाना!

सूरज की किरणों से सीखो, जगना और जगाना!
लता और पेड़ों से सीखो, सबको गले लगाना!

Answers

Answered by Raunakkuiya3288
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सीख हवा के झोंकों से रोहिल्ला जगत हिलाना

दूध और पानी से सीखो मिलना और मिलाना

अर्थ:

इसका अर्थ है कि हवा के झोंकों से सीखना है कि जब वह खुद हिलता है तो पूरे जगत को हिला देता है

दूध और पानी से सीखो मिलना और मिलाने का अर्थ है कि जैसे दूध और पानी एक दूसरे में मिल जाते हैं वैसे ही हमें भी हमेशा मिलजुल के ही रहना चाहिए

सूरज की किरणों से सीखो जगना और

लता और पेड़ों से सीखो सबको गले लगाना

अर्थ:

जैसे सूरज की किरणें पौधों को जगा देती है मतलब खुद तो वह शक्ति ही हैं साथ साथ में वह दूसरों को भी जगाती है हमें इससे यह सीखना चाहिए कि हम जब खुद करते हैं हमें दूसरों की भी हेल्प करना चाहिए इससे सब को मदद

सेकंड लाइन का अर्थ है लता और पेड़ों से सीखो सबको गले लगाना मतलब हमें लता और पेड़ों से सीखना चाहिए कि जैसे वह लोग एक दूसरे को गले लगाते हैं हमें भी सारे खेड़ा द्वेष भावना को छोड़कर एक दूसरे के साथ मिल जुलकर रहना चाहिए

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Answered by Anonymous
10

Answer:

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