इस कविता का भवार्थ बताओ please fast.....
वह तोड़ती पत्थर;
देखा मैंने उसे इलाहाबाद के पथ पर-
वह तोड़ती पत्थर।
कोई न छायादार
पेड़ वह जिसके तले बैठी हुई स्वीकार;
श्याम तन, भर बंधा यौवन,
नत नयन, प्रिय-कर्म-रत मन,
गुरु हथौड़ा हाथ,
करती बार-बार प्रहार:-
सामने तरु-मालिका अट्टालिका, प्राकार।
चढ़ रही थी धूप;
गर्मियों के दिन,
दिवा का तमतमाता रूप;
उठी झुलसाती हुई लू
रुई ज्यों जलती हुई भू,
गर्द चिनगीं छा गई,
प्रायः हुई दुपहर :-
वह तोड़ती पत्थर।
देखते देखा मुझे तो एक बार
उस भवन की ओर देखा, छिन्नतार;
देखकर कोई नहीं,
देखा मुझे उस दृष्टि से
जो मार खा रोई नहीं,
सजा सहज सितार,
सुनी मैंने वह नहीं जो थी सुनी झंकार।
एक क्षण के बाद वह काँपी सुघर,
ढुलक माथे से गिरे सीकर,
लीन होते कर्म में फिर ज्यों कहा-
"मैं तोड़ती पत्थर।"
Answers
पत्थर तोड़ने वाली स्त्री का परिचय कवि ने किस तरह दिया है |
तोड़ती पत्थर कविता सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला द्वारा लिखी गई है | निराली जी की यह कविता अत्यंत सुंदर है। इस कविता में कवि ने एक स्त्री की विशेषता और उसके सब के साथ रिश्तों का वर्णन किया है |
जैसे कई गुण हैं ममता, वात्सल्य, परिश्रम | इसमें स्त्री की मेहनत के बारे में बताया है की वह कैसे मेहनत करके धूप में पत्थर तोड़ती है |
कविता में कवि कहना चाहते है , वह तोड़ती पत्थर कविता में निराला ने प्रतिकूल परिस्थितियों में श्रम करती महिला का चित्रण किया है | सचमुच इलाहाबाद की किसी सड़क के किनारे पत्थर तोड़कर गिट्टी बनाती मज़दूर औरत मेहनत करती है | पात्र सर्वहारा वर्ग की एक महिला है जो पत्थर तोड़ने जैसा श्रम साध्य कर रही है | नायिका स्वयं एक जड़ पत्थर की भाँति है जिसे नियति लगातार तोड़ रही है I श्रमिका पत्थर तोड़ने जैसे कठोर कर्म में प्रवृत्त है I वह एक वृक्ष के नीचे बैठी है पर वह पेड़ तनिक भी छायादार नहीं है I
श्याम शब्द भी यहाँ पर प्रयोजनवती लक्षणा के रूप में प्रयुक्त है जो यह संकेत देता है के वह किसी ऊंचे कुल से सम्बंधित नहीं है I शायद वह पिछड़े तबके की हो या फिर अनुसूचित जाति की सदस्य हो I इतना गुरु हथौड़ा हाथ में है, भुजाओं में शक्ति भी है | गर्मी होने के कारण भी वह पत्थर तोड़ रही है | उसका शरीर जल रहा है , फिर भी वह लगी हुई है | झंकार सुनते ही कवि किसी अतीन्द्रिय लोक में पहुँच गया I उसका शरीर काँपता है और माथे से पसीने की बूंदें टपकती है I और कहती है , मैं तोड़ती पत्थर’ I
Explanation:
isme se kavye gund kon sa h ??