Hindi, asked by rajat2006, 1 year ago

इस कविता का मूलभाव क्या है? hum bachhe hai to kya?

hum बच्चे हैं तो क्या? हम हिंदोस्तान बदलकर छोड़ेंगे! इंसान है क्या, हम दुनिया का भगवान बदलकर छोड़ेंगे! मुश्किलें हमारी दासी हैं, आँधी-तूफान खिलौने हैं, भूचाल हमारे बिगुल, बर्फ से ढके पहाड़ बिछौने हैं! हम नई क्रांति के दूत, पुराने गान बदलकर छोड़ेंगे! हम देख रहे हैं भूख उग रही है गलियों-बाजारों में, है कैद आदमी की किस्मत चाँदी की कुछ दीवारों में! खुद मिट जाएँगे, या यह सब सामान बदलकर छोड़ेंगे! हम उन्हें चाँद देंगे जिनके घर नहीं सितारे जाते हैं, हम उन्हें हँसी देंगे जिनके घर फूल नहीं हँस पाते हैं! गर यह न हुआ तो सचमुच तीर-कमान बदलकर छोड़ेंगे!​

Answers

Answered by meshivanikashyap
16

प्रस्तुत कविता आशावादी विचारों से लवरेज है ।इसमें परिवर्तन को अस्तित्व प्रदान करने के लिए हिम्मत की पराकाष्ठता को वर्णित किया गया है ।

Answered by bhatiamona
21

हम बच्चे हैं तो क्या कविता  गोपालदास "नीरज" द्वारा लिखी गई है|

कवि ने इस कविता में आशावादी विचारों से परिवर्तन का अस्तित्व प्रदान करने के लिए हिम्मत का वर्णन किया गया है।

 हम बच्चे है तो क्या हुआ , हम अपने हिंदोस्तान को ने विचारों के साथ बदल कर छोड़ेंगे| इंसान है हम अपने ने विचारों से दुनिया का भगवान बदलकर छोड़ेंगे |

चाहे हमारे रास्ते में कितनी भी मुश्किलें आ जाए हम डरेंगे नहीं | यह आंधी-तूफान तो खिलौने हैं हम इन के साथ खेल कर आगे बढ़ेंगे|  देश में पुरानी सोच को बदलकर नई क्रांति लानी है| हिंदोस्तान को देख कर कुछ लोगों की भूख उग रही है , और यहाँ के लोगों की  किस्मत कैद है , चांदी की दीवारों में | मिड जाएँगे के देश की खातिर पी यह सामान बदलकर छोड़ेंगे| हम खुशियाँ देंगे , जिनके घर नहीं रोशनी नहीं है | जिनके घर  फूल नहीं हँसते वहाँ सचमुच तीर कमान बदलकर छोड़ेंगे|  

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