इस कविता में ऐसे शब्द आए हैं जिनके दो अर्थ हैं। अर्थ समझिए और प्रत्येक शब्द के दो वाक्य प्रयोग कीजिए। सोना - स्वर्ण नींद लेना मन- दिल ४० किलो का वजन वाहन (बस) निवास करना, रहना विधि - तरीका ईश्वर
Answers
वाक्य, दो या दो से अधिक शब्दों के सार्थक समूह को कहते हैं। उदाहरण के लिए 'सत्य से विजय होती है।' एक वाक्य है क्योंकि इसका पूरा पूरा अर्थ निकलता है किंतु 'सत्य विजय होती।' वाक्य नहीं है क्योंकि इसका अर्थ नहीं निकलता है तथा वाक्य होने के लिए इसका अर्थ निकलना चाहिए। जैसे:- "विद्या धन के समान हैं ।" ,"
वाक्य में निम्नलिखित बातों का होना ज़रूरी है –
1. सार्थकता-वाक्य रचना के लिए ज़रूरी है कि उसमें प्रयुक्त सभी पद सार्थक हों।
उदाहरण –
राम पार्क में खेलता है।
मैं घर जाकर खाना खाऊँगा।
2. योग्यता-इसका मतलब है-क्षमता। इसका अर्थ यह है कि शब्दों में सार्थक होने के साथ-साथ प्रसंग के अनुसार अर्थ देने की क्षमता भी होनी चाहिए।
उदाहरण –
(i) पवन पानी खाता है।
⇒ पवन खाना खाता है।
(ii) श्याम खाना पीता है।
⇒ श्याम पानी पीता है।
3. आकांक्षा-इसका अर्थ है-इच्छा। इसका आशय यह है कि वाक्य अपने आप में पूरा होना चाहिए। उसमें कोई भी शब्द कमनहीं होना चाहिए, जिसके कारण वाक्य में अधूरापन लगे।
उदाहरण –
(i) लड़के खाना हैं। (खा रहे)
⇒ लड़के खाना खा रहे हैं।
(ii) सैनिक लड़ हैं। (रहे)
⇒ सैनिक लड़ रहे हैं।
4. पदक्रम-वाक्य का सही अर्थ जानने के लिए शब्दों का उचित पदक्रम में होना ज़रूरी है। पदक्रम के अभाव में वाक्य का सही अर्थ नहीं निकलता।
उदाहरण –
(i) सारे देश के नागरिक कर्तव्यनिष्ठ हैं। ⇒ देश के सारे नागरिक कर्तव्यनिष्ठ हैं।
(ii) गाय का ताकतवर दूध होता है। ⇒ गाय का दूध ताकतवर होता है।
5. अन्वय-इसका अर्थ है-मेल। वाक्य में कर्ता, वचन, लिंग, कारक आदि में होना ज़रूरी है। इसके बिना वाक्य का पूर्ण अर्थ नहीं निकलता।
उदाहरण –
(i) मेरा देश में अनेक नदियाँ बहता हैं। ⇒ मेरे देश में अनेक नदियाँ बहती हैं।
(ii) चूहें किताबें कुतर गई। ⇒ चूहे किताबें कुतर गए।
वाक्य के अंग –
वाक्य की संरचना के आधार पर उसको दो भागों में विभाजित किया जाता है –
उद्देश्य,
विधेय।