इस कविता में मारी के प्रति व्यक्त विचारों पर टिप्पणी लिखिए घर में विधवा रही पतोहू लक्ष्मी कि यद्यपि पति कहां से पकड़ मंगाया कोतवाल दूर कुएं में मरीज 1 दिन के पैर की जूती जोर न सही एक दूसरी आती पर जवान लड़के की जो सुनकर सांप लोट लौटते फटती छाती
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बरखा गीत कविता में प्रयुक्त प्रतीकों को समझाइएइतिहास साक्षी है बहुत बार अकेले चने ने ही 4 बार थोड़ा है और थोड़ा है कि बार-बार में खिल खिल ही नहीं हो गया उसका निशान तक छूमंतर हो गया है नैना जान पाया कि बेचारा आखिर था कहां इसका हिंदी से संदर्भ प्रसंग सहितइस कविता में मारी के प्रति व्यक्त विचारों पर टिप्पणी लिखिए घर में विधवा रही पतोहू लक्ष्मी कि यद्यपि पति कहां से पकड़ मंगाया कोतवाल दूर कुएं में मरीज 1 दिन के पैर की जूती जोर न सही एक दूसरी आती पर जवान लड़के की जो सुनकर सांप लोट लौटते फटती छातीl
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