इसी मैच के बारे में दो मित्रों के बीच हुए संवाद
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Hindi Grammar
Samvaad-Lekhn (Dialogue Letter)संवाद-लेखन
(21) आपको टी. वी. देखना बहुत पसंद है परन्तु आपकी माताजी को यह समय की बर्बादी लगती है। आपके और आपकी माताजी के बीच जो संवाद होंगे, उन्हें लगभग 50 शब्दों में लिखिए।
गैरव- हाँ माँ मैं यहाँ हूँ।
माताजी- क्या कर रहे हो।
गौरव- टीवी देख रहा हूँ।
माताजी- गौरव यह पढ़ाई का समय है टीवी बंद कर दो।
गौरव- बस माँ अभी मैच खत्म होने वाला है।
माताजी- गौरव परीक्षा नजदीक आ रही हैं कोर्स भी पूरा करना है।
गौरव- हो जाएगा माँ।
माताजी- टीवी देखने से कोर्स पूरा होता है क्या? चलो इसे बंद करो।
गौरव- माँ बस हो जाएगा खत्म।
माताजी- बेटा यह समय की बर्बादी है और कुछ नहीं जितना समय तुम इसमें लगाते हो उतना समय पढ़ाई में लगाओ तो और अच्छे नम्बर आ सकते हैं।
गौरव- माँ आप तो हमेशा ही डाँटती रहती हो।
माताजी- मेरा डाँटना तुम्हारे अच्छे भविष्य के लिए है न कि तुम्हें नाराज करने के लिए।
गौरव- ठीक है माँ तुम्हारी बात समझ आ गई। मैं टीवी बंद करके मेहनत से अपनी परीक्षा की तैयारी करूँगा।
(22) एक दुर्घटना के बाद दो बच्चों में सड़क सुरक्षा की समस्या पर परस्पर संवाद को लगभग 50 शब्दों में लिखिए।
राम- श्याम देखो कितनी बुरी दुर्घटना है।
श्याम- स्कूटर सवार बचा कि नहीं।
राम- लगता तो नहीं।
श्याम- क्यों ऐसा बोल रहे हो।
राम- उसने हैलमेट नहीं पहन रखा था।
श्याम- टैम्पू वाले का क्या हाल है ये भी तो उलट गया।
राम- टैम्पू तेजी पर था स्कूटर वाला गलत साइड (तरफ) से था।
श्याम- क्यों आजकल के स्कूटर सवार अपना जोश दिखाते हैं। हैलमेट होने पर भी नहीं पहनते है।
राम- उसने हैलमेट नहीं पहन रखा था लेकिन कान में मोबाइल की लीड थी। इसलिए टैम्पू की आवाज व हॉर्न उसे सुनाई नहीं दिया।
श्याम- दे दी उसने अपनी जान। सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन नहीं करते है। तेजी से वाहन चलाते हैं।
राम- तेजी का नतीजा देख लिया अब उसके परिवार वालों का क्या होगा अकेला ही बेटा था जैसे पता चला है।
श्याम- हमें सड़क सुरक्षा के सभी नियमों का पालन करना चाहिए तभी सब सुरक्षित है। बच्चों को परिवार वालों व पुलिस को सख्ती से निपटना होगा।
राम- भगवान सभी को सद्बुद्धि दे।
(23) दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर चिंता व्यक्त करते हुए दो मित्रों के बीच संवाद लगभग 50 शब्दों में लिखिए।
पहला मित्र- मित्र, बहुत दुखी दिखाई दे रहे हो।
दूसरा मित्र- हाँ मित्र, दिल्ली के प्रदूषण ने जीना मुश्किल कर दिया है।
पहला मित्र- सही कह रहे हो। मनुष्य ने तो पर्यावरण के महत्त्व को ही भुला दिया है।
दूसरा मित्र- पर्यावरण के लिए वृक्ष से बड़ा मित्र तो हो ही नहीं सकता। पर मनुष्य का दुर्भाग्य कि वह विकास के नाम पर इसकी कटाई करता जा रहा है।
पहला मित्र- हाँ, पर बढ़ती गाड़ियों की संख्या और कल-कारखानों से निकलने वाले धुएँ भी इसे रात-दिन बढ़ाने में सहयोग कर रहे हैं।
दूसरा मित्र- मित्र, अगर ऐसा ही चलता रहा, तो धीरे-धीरे मानव जाति का अस्तित्व ही खतरे में पड़ जाएगा। (चिंतित होते हुए) क्या यह मनुष्य इतना क्रूर और स्वार्थी हो गया है कि इसके बारे में जरा-सा भी नहीं सोचता।
पहला मित्र- मित्र, ऐसा नहीं है, कुछ लोग प्रदूषण से सुरक्षा के लिए भी प्रयास कर रहे हैं।
दूसरा मित्र- यह तो अच्छी बात है। चलो, साथ मिलकर हम भी प्रयास करते हैं तथा दिल्ली सरकार से आग्रह करेंगे कि वह भी कुछ सहयोग करें।
पहला मित्र- धन्यवाद!
(24) दिल्ली में महिलाओं की असुरक्षा को लेकर दो महिलाओं के मध्य लगभग 50 शब्दों में संवाद लिखिए।
पहली मित्र- सखी, दिल्ली अब महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं रही।
दूसरी महिला- सखी, आज तुम बहुत परेशान दिख रही हो!
पहली महिला- हाँ! परेशानी की तो बात है ही। शायद तुमने समाचार पत्र को पढ़ा ही नहीं?
दूसरी महिला- नहीं! पर बात क्या है? बताओं तो सही।
पहली महिला- एक दिन की बात हो तो सही, अब प्रतिदिन समाचार पत्र में मुख्य खबर के रूप अपहरण छीना-झपटी, राह चलती महिलाओं के साथ छेड़-छाड़ की घटना भरी हुई होती है। गंदी नजरों से देखना तो आम बात हो गई है।
दूसरी महिला- सही है, इसके लिए निराश होने की आवश्यकता नहीं है। सरकार भी इस संदर्भ में प्रयासरत है। हमें मिलजुलकर इसकी रोकथाम के प्रयास करने की आवश्यकता है।
पहली महिला- केवल प्रयास करने से नहीं होगा अपितु लोगों को जागरूक करना होगा कि वे महिला को सम्मान की नजरों से देखें तथा महिलाओं को सशक्त करना होगा।
पहली महिला- सही कहती हो। चलो! निराशा छोड़ों! सकारात्मक रहो, धन्यवाद!