इस पाठ में बताया गया है कि रक्त हमारे शरीर के लिए कितना आवश्यक है। रक्तम का
न से कण पाए
जाते हैं तथा रक्त दान करना किसी को जीवन दान देना है।
आनिल की बहन दिव्या को डॉक्टर को दिखाना-अनिल की छोटी बहन दिव्या बहुत
कमजोर थी। वह हमेशा
थकान महसूस करती. किसी काम में उसका मन न लगता. भख भी उसे पहले से कम लग
सका मन न लगता, भूख भी उसे पहले से कम लगने लगी थी इसलिए वह
उसे अस्पताल ले गया। वहाँ डॉक्टर ने बताया कि उसके खून की जाँच की जाएगी, लगता है कि
ता है कि उसमें खून की कमी
रक्त की जाँच होना-रक्त की जाँच के लिए वे दसरे कमरे में गए वहाँ डॉक्टर दीदी जी उनका जान-पहचान
का था। उन्होंने दिव्या का रक्त जाँच के लिए लिया व स्लाइड पर डालकर सक्ष्मदर्शी में देखा। अगल ना
समय उन्होंने अनिल से कहा कि दिव्या को 'एनीमिया' है।
एनीमिया क्या है?-खून की कमी से यह बीमारी हो जाती है। कई बार पेट में कीड़ों के कारण भी यह बामारा
होती है।
पेट में कीड़ों का कारण-पेट में कीडे दुषित जल और खाद्य पदार्थों से हो जाते हैं। धरती की ऊपरी
सतह पर भी एक प्रकार के कीडे होते हैं जो नंगे पाँव रहने से त्वचा के रास्ते शरीर में प्रवेश कर आँतों में चले
जाते हैं।
डॉक्टर द्वारा अनिल को रक्त की जानकारी-डॉक्टर दीदी ने अनिल को सूक्ष्मदर्शी द्वारा रक्त की स्लाइड
दिखाई और बताया कि रक्त के दो भाग होते हैं तरल पदार्थ प्लाज्मा, दूसरा वह जिसमें छोटे-बड़े कई कण होते हैं।
कुछ लाल, कुछ सफ़ेद व कुछ ऐसे जिनका कोई रंग नहीं होता जिन्हें प्लेटलैट कण कहते हैं। ये कण प्लाज्मा में तैरते
रहते हैं।
लाल रक्त-कण, सफ़ेद कण व प्लेटलैट कण का कार्य-
लाल रक्त-कण-एक मिली लीटर रक्त में इनकी संख्या चालीस से पचपन लाख तक होती है। इनके कारण
रक्त लाल दिखाई देता है। ये साँस लेने पर ग्रहण की गई ऑक्सीजन को शरीर के हर हिस्से तक पहुँचाते हैं। चार महीने
होते-होते ये नष्ट हो जाते हैं और इनके स्थान पर नए रक्त-कण बन जाते हैं। ये हड्डियों के बीच के भाग मज्जा में
प्रोटीन, लौहतत्त्व और विटामिन से बनते हैं।
सफ़ेद कण-ये शरीर को रोगाणुओं से बचाते हैं। ये बीमारियों के कीटाणुओं का डटकर मुकाबला करते हैं और
बहुत से रोगों से हमारी रक्षा करते हैं। translate in English
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WE ARE TAUGHT IN THIS CHAPTER THAT BLOOD IS THE MOST IMPORTTANT SUBSTANCE IN OUR BODY
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