इस पाठ में एक और साँवले की बात की गई है उसके बारे में बताइए ,,, सॉवले सपनों की याद।
Answers
Answered by
0
Answer:
यह रचना लेखक जाबिर हुसैन द्वारा अपने मित्र सालिम अली की याद में लिखा गया संस्मरण है। पाठ को पढ़ते हुए इसका शीर्षक "साँवले सपनों की याद" अत्यंत सार्थक प्रतीत होता है। लेखक का मन अपने मित्र से बिछड़ कर दु:खी हो जाता है, अत: वे उनकी यादों को ही अपने जीने का सहारा बना लेते हैं।
Explanation:
mark me brain list
Answered by
0
Answer:
साँवले सपने का तात्पर्य दुखभरी यादों से है। इस लेख में लेखक किसी की मौत पर शोक व्यक्त कर रहा है। इसलिए इस लेख का शीर्षक उपयुक्त है।
Similar questions