Hindi, asked by urvashitomar82, 2 months ago


इस पद में कबीर का कवि रूप नहीं समाज सुधारक रुप दिखाई पड़ता है,
सिद्धकरें।​

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Answered by Anonymous
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कबीर एक समाज सुधारक विद्रोही संत कवि थे विवेचना कीजिए?

कबीर समाज सुधारक पहले तथा कवि बाद में है। उन्होने समाज में व्याप्त रूढ़ियों तथा अन्धविश्वासों पर करारा व्यंग्य किया है। उन्होने धर्म का सम्बन्ध सत्य से जोड़कर समाज में व्याप्त रूढ़िवादी परम्परा का खण्डन किया है। कबीर ने मानव जाति को सर्वश्रैष्ठ बताया है तथा कहा है कि इसमें से कोई भी ऊंचा या नीचा नहीं है।

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