इस संसार से रचनात्मक कर्म है इस कारण से मानव एकता भी अधूरी अस्वस्थ रंग व्याख्या कीजिए
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प्रशन का उत्तर नीचे हे , अगर अच्छा लगे तो फिर रेट एंड ब्रेनलेस्ट का दर्जा दे
Explanation:
डायरी में प्रस्तुत पंक्ति के लेखक मलयज के अनुसार मानव संसार से जुड़ा होना जरूरी है, मानव संसार का रोजाना उपयोग कर रहा है। मनुष्य अपने संसार का निर्माण खुद करता है, एवं खुद ही उसमें जीता है। वह भोक्ता भी है, वह कभी सुख होता है तो कभी दुःख को। परंतु संसार संपर्क में होना जरूरी है। क्योंकि कर्म जीव के अस्तित्व का बहुत ही आवश्यक है। उसके होने से संसार को भोगने की प्रवृत्ति ही है, जो कि उसे जीवित रखती हैं। यदि कोई व्यक्ति कर्म किए बिना जीवित भी नहीं रह सकता है।
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