Hindi, asked by krishver7000, 16 days ago

इस सत्र में पढ़ी गई किस कविता में कोरी भावुकता न होकर जीवन में संचित किए अनुभवों की अनिवार्य सौख है ? कविता के नाम के साथ कथन की पुष्टि के लिए उपयुक्त तर्क भी प्रस्तुत कीजिए​

Answers

Answered by chaudharyanubhav059
62

Answer:

"कन्यादान" कविता में कोरी भावुकता ना होकर जीवन में संचित किए गए अनुभवों की अनिवार्य सीख है। मां को दुनियादारी और ससुराल वालों द्वारा किए गए व्यवहार का अनुभव है।मां अपनी बेटी को सीख देती है कि इस जीवन में उसे कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। मां उससे कहती है कि तुम अपनी सुंदरता पर घमंड मत करना, वस्त्र और आभूषण स्त्री के लिए शाब्दिक ब्रह्म की तरह होते हैं। मां उससे यह भी कहती है कि तुम इस कठिन जीवन से हार मान कर आत्महत्या मत करना। अंत मैं उसकी मां उससे यह कहती है कि लड़की होना पर लड़की जैसी दिखाई मत देना अर्थात न्याय को मत कहना, उसका विरोध करना और इस जीवन को अपने हिसाब से जीना।

Answered by franktheruler
39

" कन्यादान " कविता में कोरी भावुकता होकर जीवन में संचित किए गए अनुभवों की अनिवार्य सीख है

  • "कन्यादान " कविता में एक मां अपने ससुराल द्वारा शोषण व समाज द्वारा उसके साथ किए गए दुर्व्यवहार की व्यथा बता रही है।
  • अपनी जीवनी से सीख लेकर वह अपनी बेटी को सचेत करना चाहती है। कन्यादान करते समय वह अपनी बेटी को शिक्षा देना चाहती है।

कविता के साथ कथन की पुष्टि के लिए उपयुक्त तर्क भी नीचे दिए गए है।

  • वह बेटी को यह शिक्षा दे रही है कि ससुराल में वह अपने रूप सौंदर्य से मुग्ध न हो जाए व दूसरों द्वारा प्रशंसा से भटक न जाए।
  • वह बेटी से कहती है कि आग का उपयोग केवल रोटियां सेकने के लिए करना , अपने जलने करियर न करना, सुंदर वस्त्रों गहसनी के मोह में न फंसना और उनके बंधन में न आना।
  • नारी के जो गुण है उन गुणों को बरकरार रखना परन्तु कभी कमजोर न पड़ना व अन्याय न सहना।
Similar questions