इस तरह अपने हा के पास करने पर वाल्मीकि आश्चर्यचकित हो गये। उसी समय प्रथा ने आकर कहा कि अब आप
विचार र को सात्वीक आपकी कमी में निकल आपले नारद मुनि से ओ रामकमा सुनी है, उसे काब्य रूप में
बर्विर को भी पा से आप सम्पूर्ण रामचरित से अवगत हो जायगे। जक पृथ्वी पर पर्यत एवं समुद्र स्थित रहेंगे, तब
कारिणी योगशनिबार सम्पूर्ण रामति को जानकर वाल्मीकि ने जाममा
सट पर बैठकर मार काड वाली रामायण महाकाव्य की रचना की। इस प्रकार महामुनि नया वाल्मीकि आदिकति के नाम
संस्कृत्वाइलयस्यादिकविः महामुनिः बाल्मीकिरिति सर्व विदि स्वीक्रियते। महामुनिना रम्यारामायगी का स्वरचिते
काव्यालये निबद्धा भगवतो रामस्य सरितमस्माकं देशस्य संस्कृतेश्च प्राणभूतं तिष्ठति। वस्तुतस्तु, महामुनेः
वाल्मीको बैतन्महात्म्यमस्ति यत्तेन रामस्य लोककल्याणकारक समपादर्शभूतं सर्व जनानां समक्षामुपस्थापितम्। वयं न तेन राम
स्कन्दपुराणाध्यात्मरामायणयोरनुसारात अर्थ प्राणजातीयः अग्निशर्माभिधश्चात्। पूर्वजन्मनः विपाकात्
113)
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इस तरह अपने हा के पास करने पर वाल्मीकि आश्चर्यचकित हो गये। उसी समय प्रथा ने आकर कहा कि अब आप
विचार र को सात्वीक आपकी कमी में निकल आपले नारद मुनि से ओ रामकमा सुनी है, उसे काब्य रूप में
बर्विर को भी पा से आप सम्पूर्ण रामचरित से अवगत हो जायगे। जक पृथ्वी पर पर्यत एवं समुद्र स्थित रहेंगे, तब
कारिणी योगशनिबार सम्पूर्ण रामति को जानकर वाल्मीकि ने जाममा
सट पर बैठकर मार काड वाली रामायण महाकाव्य की रचना की। इस प्रकार महामुनि नया वाल्मीकि आदिकति के नाम
संस्कृत्वाइलयस्यादिकविः महामुनिः बाल्मीकिरिति सर्व विदि स्वीक्रियते। महामुनिना रम्यारामायगी का स्वरचिते
काव्यालये निबद्धा भगवतो रामस्य सरितमस्माकं देशस्य संस्कृतेश्च प्राणभूतं तिष्ठति। वस्तुतस्तु, महामुनेः
वाल्मीको बैतन्महात्म्यमस्ति यत्तेन रामस्य लोककल्याणकारक समपादर्शभूतं सर्व जनानां समक्षामुपस्थापितम्। वयं न तेन राम
स्कन्दपुराणाध्यात्मरामायणयोरनुसारात अर्थ प्राणजातीयः अग्निशर्माभिधश्चात्। पूर्वजन्मनः विपाकात्
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