इस दोहे के भाव को समझकर अपनी उत्तर पुस्तिका में कहानी लिखिए।
गुरु गोविंद दोऊ खड़े काके लागू पायँ। बलिहारी गुरु आपने गोविंद दियो बताय।
Answers
Answered by
1
Answer:
Kya aap Mere friend banoge
Answered by
2
उत्तर
Explanation:
अर्थ – इस दोहे में कबीर दास जी कहते हैं कि हमें कभी भी बाहरी आडम्बर देखकर गुरु नहीं बनाना चाहिए बल्कि ज्ञान और गुण को देखकर ही गुरु का चुनाव करना चाहिए नहीं तो इस संसार रुपी सागर में गोता लगाना पड़ेगा। अर्थ – कबीर दास जी कहते हैं कि यह दुनिया कुछ ही दिनों की है इसलिए इससे मोह का सम्बन्ध नहीं जोड़ना चाहिए।
Similar questions