इस दोहे में से अनुप्रास अलंकार का एक उदाहरण छांट कर लिखें।
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उत्तर
अनुप्रास अलंकार :-
किसी काव्य मे, किसी वर्ण की बीर - बार आवृत होतो वह अनुप्रास अलंकार कहलाती है !
किसी वर्ण विशेष की बार-बार आवृत होने से वाक्य या काव्य की सुन्दरता बड़ जाती है !
उदाहरण:-
(१) मुदित महापती मंदिर आये !
इसमे , " म " वर्ण की आवृत बार -बार हो रही है !
अत: , यह अनुप्रास अलंकार का उदाहरण है !
(२) चारु चंद की चंचल किरणे, खेल रही थी जल - थल मे !
इसमे , " च " वर्ण की आवृत बार -बार हो रही है !
अत: , यह अनुप्रास अलंकार का उदाहरण है !
प्रश्न में दिया गया उदा.
हस्ती चढिए ज्ञान कौ , सहज दुलीचा डारी !
स्वान रूप संसार है , भूँकन दे झख मारि !!
उपरोक्त उदाहरण मे,
" स्वान रूप संसार "
अनुप्रास अलंकार का उदाहरण है !
जिसमे, " स " वर्ण की आवृत तीन बार हुइ है !
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अतिरिक्त जानकारी
अलंकार:-
काव्य की शोभा बड़ाने वाले शब्दो को अलंकार कहते है !!
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