Hindi, asked by mk5105905, 6 months ago

इस दृष्टि से यह सफल और सराहनीय प्रयास था। केवल एक चीज की कसर थी जो देखते ही बरकती थी। नेताजी की आंखों
पर चशमा नहीं था। यानी चश्मा तो था, लेकिन संगमरमर का नहीं था। एक सामान्य और सचमुच के चश्मे का चौड़ा काला फ्रेम
मूर्ति को पहना दिया गया था। हालदार साहब जब पहली बार इस करने से गुजरे और चौराहे पर पान खाने रुके तभी उन्होंने
इसे लक्षित किया और उनके चेहरे पर एक दुख भरी मुस्कान फैल गई
(१), पाठ और लेखक का नाम लिथिए।
(2) कौन सा प्रयास सफल था और कैसे?
(3), कहा क्या खटक रहा था और क्यों?
(4). हालदार साहब ने क्या लक्षित किया और कैसे?
(5). हालदार साहब के चेहरे पर कौतुक भरी मुस्कान फैलने का क्या कारण था?​

Answers

Answered by anshumanrock2019
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Answer:

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