ishwar par aap kitni shraddha rakhte ho aur unke astitva ke bare mein aap ke Kya vichar hai vakh Kavita ke adhar par likhe
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वाख कविता में कवयित्री ने ईश्वर को ही आदि और अंत माना है, हम संसार के मोह माया में बंध के ईश्वर को भूल चुके है , जिसके बिना ये शरीर, ये आत्मा कुछ नहीं। कवयित्री कहती हैं कि मनुष्य को अपने मन में ईश्वर को ढूंढना चाहिए , जिस दिन ईश्वर भक्ति जागृत हो जायेगी उस दिन अज्ञानता के सारे अंधेरे समाप्त हो जायेंगे।
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