Hindi, asked by yaro007, 1 year ago

iss dohe ka aarth bataye

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Answered by Anonymous
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1 ) " जो बड़ेन को लघु कहें, नहीं रहीम घटी जाहिं। गिरधर मुरलीधर कहें, कछु दुःख मानत नाहिं।”

अर्थ
===

रहीम अपने दोहें में कहते हैं कि किसी भी बड़े को छोटा कहने से बड़े का बड़प्पन कम नहीं होता, क्योंकि गिरिधर को कान्हा कहने से उनकी महिमा में कमी नहीं होती।

2 ) “जो रहीम उत्तम प्रकृति, का करी सकत कुसंग। चन्दन विष व्यापे नहीं, लिपटे रहत भुजंग।”

अर्थ
===

रहीम जी ने कहा की जिन लोगों का स्वभाव अच्छा होता हैं, उन लोगों को बुरी संगती भी बिगाड़ नहीं पाती, जैसे जहरीले साप सुगंधित चन्दन के वृक्ष को लिपटे रहने पर भी उस पर कोई प्रभाव नहीं दाल पाते।
Answered by brainlyhelper143
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Explanation:

1 ) " जो बड़ेन को लघु कहें, नहीं रहीम घटी जाहिं। गिरधर मुरलीधर कहें, कछु दुःख मानत नाहिं।”

अर्थ

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रहीम अपने दोहें में कहते हैं कि किसी भी बड़े को छोटा कहने से बड़े का बड़प्पन कम नहीं होता, क्योंकि गिरिधर को कान्हा कहने से उनकी महिमा में कमी नहीं होती।

2 ) “जो रहीम उत्तम प्रकृति, का करी सकत कुसंग। चन्दन विष व्यापे नहीं, लिपटे रहत भुजंग।”

अर्थ

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रहीम जी ने कहा की जिन लोगों का स्वभाव अच्छा होता हैं, उन लोगों को बुरी संगती भी बिगाड़ नहीं पाती, जैसे जहरीले साप सुगंधित चन्दन के वृक्ष को लिपटे रहने पर भी उस पर कोई प्रभाव नहीं दाल पाते।

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