Hindi, asked by bhavyasree, 1 year ago

iss paat me lekhak Ne samuchur shiksha ke kin thore-tharikon par vyagyan kiya Hai? Kya SAP unke vichar se sehmath hai?

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Answered by RabbitPanda
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पाठ में लेखक ने रटने तथा बच्चों पर शिक्षा का दबाव डालने आदि बातों पर व्यंग्य किया है। उनके अनुसार शिक्षा बच्चों के विकास के लिए होती है, जो उनपर बोझ बन जाए वह शिक्षा नहीं है। बड़े भाई साहब शिक्षा के दबाव से भयभीत हैं। हमारे हिसाब से यह बिलकुल अनुचित है। बच्चों का मन कोमल होता है। यदि उनपर इतना बोझ डाल दिया जाए, तो वह तनाव से ग्रस्त हो जाएँगे। इस तरह से हमें रटने वाले तोते तो प्राप्त हो सकते हैं परन्तु जिन्होंने उसे सच में समझा हो ऐसे विद्वान प्राप्त नहीं होगें।

@skb
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