इतिहास साक्षी है बहुत बार अकेले चले ने भी कि भारत छोड़ा है और ऐसा पौधा है कि भाड़ में खिल खिल ही नहीं हो गया उसका निशान तक ऐसा छूमंतर हुआ कि कोई यह कभी नहीं जान पाया कि वह बेचारा आखिर था कहां gadyansh ki vyakhya sandarbh prasang sahit likhiye
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sorry i did not understand
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