इतिहासकार अतीत को कालों या युगों में कैसे विभाजित करते हैं? क्या इस कार्य में उनके सामने कोई कठिनाई आती है?
Answers
Explanation:
इतिहासकार अतीत को कालों या युगों में निम्न प्रकार विभाजित करते हैं :
समय के साथ-साथ सामाजिक तथा आर्थिक संगठनों में परिवर्तन आते रहते हैं। इससे समाज व्यवस्था का रूप बदलता रहता है। जब किसी समाज व्यवस्था का रूप पिछली समाज व्यवस्था से लगभग पूरी तरह अलग हो जाता है, तो इतिहासकार उसे एक नया काल या युग मान लेते हैं । अतीत के काल विभाजन का यही सबसे महत्वपूर्ण आधार है । इस आधार पर अतीत को तीन कालों में बांटा जाता है - प्राचीन काल, मध्यकाल तथा आधुनिक काल।
19वीं शताब्दी में कुछ अंग्रेज इतिहासकारों ने भारत के इतिहास को धर्म के तीन युगों में बांटा था। हिंदू , मुस्लिम तथा ब्रिटिश काल । उनका ऐसा मानना था कि अर्थव्यवस्था , समाज व संस्कृति में कोई भी महत्वपूर्ण परिवर्तन नहीं आता। परंतु इस विचार को आज बहुत कम इतिहासकार ही मानते हैं । अधिकतर इतिहासकार आर्थिक तथा सामाजिक कारकों के आधार पर ही अतीत का काल विभाजन करते हैं।
कठिनाई :
सामाजिक तथा आर्थिक कारकों के आधार पर काल विभाजन में भी एक बहुत बड़ी कठिनाई है। वह यह है कि किसी एक काल में आने वाले बदलाव आसानी से लुप्त नहीं होते। ये अपने से अगले काल में भी शताब्दियों तक बने रहते हैं क्योंकि ये नए युग को आधार प्रदान करते हैं।
आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।
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