इतनी शक्ति हमें देना दाता ।
| मन का विश्वास कमज़ोर हो ना
हम चले नेक रस्ते पे हमसे
भूलकर भी कोई भूल हो ना।
हर तरफ़ जुल्म है बेबसी है।
सहमा-सहमा-सा हर आदमी है।
पाप का बोझ बढ़ता ही जाए।
जाने कैसे ये धरती थमी है।
बोझ ममता का तू ये उठा ले
तेरी रचना का ये अंत हो ना
हम चले नेक रस्ते पे हमसे
भूलकर भी कोई भूल हो ना।
दूर अज्ञान के हो अँधेरे
तू हमें ज्ञान की रोशनी दे
हर बुराई से बचते रहे हम
जितनी भी दे भली जिंदगी
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Dear, This prayer is incomplete
and what r u trying to ask through this prayer.....
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