Hindi, asked by ayana2b226, 6 months ago

इतने ऊँचे उठो कि जितना उठा गगन
देखो इस सारी दुनिया को एक दृष्टि से
सिंचित करो धरा, समता की भाव - वृष्टि से
जाति भेद की, धर्म - वेश की
काले - गोर रंग -द्वेष की
ज्वालाओं से जलते जग में
इतने शीतल बहो कि जितना मलय पवन है।।
नए हाथ से, वर्तमान का रूप सँवारो
नयी तूलिका से चित्रों के रंग उभारो
नए राग को नूतन स्वर दो
भाषा को नूतन अक्षर दो
युग की नयी मूर्ति - रचना में
इतने मौलिक बनो कि
जितना स्वयं सृजन है।।


क) कवि धरती को किस भावना से भरना चाहता है ?

Answers

Answered by shishir303
1

(क) कवि धरती को किस भावना से भरना चाहता है ?

➲ कवि धरती को ऊँचा उठने की भावना से भर देना चाहता है। कवि कहता है कि इतना ऊँचा उठो जितना गगन ऊँचा है। अपनी दृष्टि, अपने विचार को सारी पृथ्वी पर फैला दो और सब के प्रति समान दृष्टि का अभाव रखो। जात-पात, धर्म, वेशभूषा, काले-गोरे आदि का भेदभाव मिटा दो और इन सबसे परे होकर इतने शीतल भाव से बहो कि वर्तमान तो सँवरे ही, और भविष्य भी सुदृढ़ हो।

○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○

Similar questions