Hindi, asked by basantibehera84, 2 months ago

इधर देश की राजनीतिक दशा भयंकर होती जा रही थी। कम्पनी की फ़ौजें ल
आती थीं। शहर में हलचल मची हुई थी। लोग बाल-बच्चों को लेकर देहातों में -
खिलाड़ियों को इसकी ज़रा भी फिक्र न थी। वे घर से आते, तो गलियों में होकर।
मुलाज़िम की निगाह न पड़ जाए, जो बेकार में पकड़े जाएँ। हज़ारों रुपये सालाना की
चाहते थे।
(क) यह गद्यांश किस पाठ से लिया गया है? इसके लेखक का भी नाम लिखें।
(ख) 'कंपनी की फौज' किसे कहा गया है? वह कहाँ बढ़ रही थी?
(ग) लोग बाल-बच्चों को लेकर कहाँ और क्यों जा रहे थे?
अथवा
2) उसी बीच मुझे मोटर-दुर्घटना में आहत होकर कुछ दिन अस्पताल में रहना प
का दरवाज़ा खोला जाता, गिल्लू अपने झूले से उतर कर दौड़ता और फिर किसी दू
घोंसले में जा बैठता। सब उसे काजू दे जाते, परंतु अस्पताल से लौटकर जब मैंने​

Answers

Answered by gy5825688
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Explanation:

बाल बच्चों को लेकर दे हाथों में खिलाड़ियों को इसकी जरा भी फिक्र नहीं कि वह घर से आते तो गोलियां में होकर

Answered by kunalyadav39713
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desh ki rajnitik dasha kaisi thi aise mein donon khiladiyon ki kartavyahinta ko kya sochne per majbur karti hai

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