English, asked by abhishektiwari912541, 1 day ago

(iv) बिना साहस के मनुष्य का जीवन मिट्टी के ढेले के समान या निर्जीव मूर्ति के समान होता है। नेपोलियन के शब्दकोष में “असम्भव" शब्द था ही नहीं। आंधी हो या तूफान, मार्ग में पहाड़ आएँ या घने जंगल, सबको चीरते हुए, अपना मार्ग बनाते हुए, लक्ष्य पर पहुँचना ही नेपोलियन का सिद्धान्त था। इसी कारण नेपोलियन विश्व की महान विभूति बना। आपको जो कार्य करना है उसको अवश्व कीजिए। यदि आप दृढ़ प्रतिज्ञा हैं, तो विश्व की कोई भी शक्ति आपका मार्ग नहीं रोक सकती है। यह उद्यमी पुरुषों ने सिद्ध कर दिया है। उनका किसी ने मार्ग नहीं रोका, अगर रोका है, तो उसे असफल होना पड़ा है​

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Answered by deendyalvishwkarma56
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Explanation:

(iv) बिना साहस के मनुष्य का जीवन मिट्टी के ढेले के समान या निर्जीव मूर्ति के समान होता है। नेपोलियन के शब्दकोष में “असम्भव" शब्द था ही नहीं। आंधी हो या तूफान, मार्ग में पहाड़ आएँ या घने जंगल, सबको चीरते हुए, अपना मार्ग बनाते हुए, लक्ष्य पर पहुँचना ही नेपोलियन का सिद्धान्त था। इसी कारण नेपोलियन विश्व की महान विभूति बना। आपको जो कार्य कर

Answered by safinakhatoon0707
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Answer:

Bina Sahas ke manushya ka Jivan Mitti ke dhele ke Saman ya nirjiv Murti ke Saman hota hai English mein translation karo

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