Hindi, asked by adilmalladi258, 6 months ago

(iv) गिरिवन से निकली थी, तब मन में सोचा भी नहीं था।
(2) अपने पसंद की पीलियों का अर्थ लिखिए।
सबको जीवन देने वाली करती सदा भलाई रे।
कल-कल करती नदिया कहती, मुझे बचा लो भाई रे।।
मर्यादा में बहने वाली, होकर अमृत धारा,
प्यास बुझाती हूँ उसकी, जिसने भी मुझे पुकारा,
परहित का जीवन है अपना, मत बनिए सौदाई रे।
कल-कल करती नदिया कहती, मुझे बचा लो भाई रे।।
गिरिवन से निकली थी, तब मन में पाला था सपना,
जो भी पथ में मिल जाए, बस उसे बना लो अपना,
मगर मलिनता लोगों ने तो, मुझमें डाल मिलाई रे।
कल-कल करती नदिया कहती, मुझे बचा लो भाई रे।।​

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Answered by honaprashmi
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मुझे" (and any subsequent words) was ignored because we limit queries to 32 words.

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