(iv) "मैं दूसरे तरीके का कायल हूँ'- "मैं" का पूरा नाम लिखें एवं पाठ का नाम बताएँ ?
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मैं अकेला हूं शायद, डगर में अब कोई नही है । किधर जा रहा हूं, फिकर भी अब कोई नही है |
निकम्मा,आवारा,खुदगर्ज जो कहना है कहो पर याद रहे किस्मत मेरी अभी सोई नही है ।
गुमनाम मंजिल की तलाश में खो गया हूँ शायद मिलेगी नई राह, ये उम्मीद अभी खोई नही है ।
मतलब की दुनिया में, थोड़ा दर्द हुआ है मुझे भी, पर बस जरा सी नम हैं, आंखे मेरी अभी रोई नही है ।
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