IV.निम्नलिखित समास विग्रह करते हुए समास का भेद भी लिखिए ।
1.सेनानायक
2.अधर्म धनहीन
3.तुलसीकृत विषधारी
4.चन्द्रमौली
5.आपबीती
6.यथानियम
7.लोकसभा
8.दाल -चावल
9.स्वर्ग को प्राप्त
10.सत्य के लिए आग्रह
v. नीचे दिए गए मुहावरों के अर्थ लिखिए
1.दाँतो पसीना आना
2.नाक कटना
3.आँखों में धूल झोंकना
4.अपना राग अलपना
VI.आपके घर के पास ही कोरोना मरीज होने की शंका हैं ,इसकी सूचना
अधिकारी को शिकायत करते हुए पत्र लिखिए-
Answers
Answer:
समास विग्रह और समास का नाम
सेनानायक = सेना का नायक = तत्पुरुष समास
अधर्म = न धर्म = नत्र समास
धनहीन = धन से हीं = तत्पुरुष समास
तुलसीकृत = तुलसी से कृत = करण तत्पुरुष होता है
विषधारी = विश को धारण करने वाला ( सर्प ) = बहुव्रीहि समास
चन्द्रमौली = चंद्र है मौली पर जिसके ( शिव ) = बहुव्रीहि समास
आपबीती = आप पर बीती = तत्पुरुष समास
यथानियम = नियम के अनुसार = अव्ययीभाव समास
लोकसभा = लोक की सभा = तत्पुरुष समास है
दाल-चावल = दाल और चावल = द्वन्द समास
स्वर्ग को प्राप्त = स्वर्ग का वासी = तत्पुरुष समास
सत्य के लिए आग्रह = सत्याग्रह = तत्पुरुष समास है
hope it will be helpfull.........
Explanation:
VI.घर में साथ रहने के कारण महिलाओं के शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न के मामले भी बढ़ गए हैं. अमरीका और ब्रिटेन जैसे विकसित देशों में उत्पीड़न की शिकार महिलाओं की मदद के लिए बने राष्ट्रीय हॉटलाइन नंबर पर पिछले दो हफ़्तों में फ़ोन कॉल की बाढ़ सी आ गई है.
घर में साथ रहने के कारण महिलाओं के शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न के मामले भी बढ़ गए हैं. अमरीका और ब्रिटेन जैसे विकसित देशों में उत्पीड़न की शिकार महिलाओं की मदद के लिए बने राष्ट्रीय हॉटलाइन नंबर पर पिछले दो हफ़्तों में फ़ोन कॉल की बाढ़ सी आ गई है.जिसमें महिलाएं अपने साथी के हाथों प्रताड़ना की शिकायत कर रही हैं. लेकिन, संयुक्त राष्ट्र की महिला इकाई की कार्यकारी निदेशक, फुमज़िले म्लाम्बो एनगीका ने बीबीसी को बताया है कि अमेरिका और ब्रिटेन के उलट, विकासशील देशों में लॉकडाउन के दौरान इसके ठीक उलट स्थिति देखने को मिलेगी.
महिलाओं की आवाज़
महिलाओं की आवाज़म्लाम्बो-एनगीका कहती हैं, "कई देशों में समाज के कमज़ोर और ग़रीब तबक़े से ताल्लुक़ रखने वाली महिलाओं के लिए अपने जीवनसाथी के हाथों उत्पीड़न की शिकायत कर पाना क़रीब क़रीब नामुमकिन होता है. इसकी वजह साफ़ है."
महिलाओं की आवाज़म्लाम्बो-एनगीका कहती हैं, "कई देशों में समाज के कमज़ोर और ग़रीब तबक़े से ताल्लुक़ रखने वाली महिलाओं के लिए अपने जीवनसाथी के हाथों उत्पीड़न की शिकायत कर पाना क़रीब क़रीब नामुमकिन होता है. इसकी वजह साफ़ है.""क्योंकि विकासशील देशों की ये ग़रीब महिलाएं, अपना उत्पीड़न करने वाले मर्दों के साथ एक या दो कमरों के मकान में रहने को मजबूर होती हैं. हम ये उम्मीद कर रहे हैं कि लॉकडाउन के दौरान, उत्पीड़न के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने वाली महिलाओं की आवाज़ ख़ामोश रहेंगी. वो इसकी शिकायत नहीं कर पाएंगी और ये बेहद चिंता की बात है."