Hindi, asked by sitamisra, 3 months ago

IV.
प्राकृतिक वातावरण में घास व पौधों की तरह फ
अथवा पद्य
यदि आप इस पद्यांश का चयन करते हैं तो कृपया उत्त
दिए गए पद्यांश-II पर आधारित प्रश्नों के उत्तर लिख
टकराएगा नहीं आज उद्धत लहरों से,
कौन ज्वार फिर तुझे पार तक पहुँचाएगा?
अब तक धरती अचल रही पैरों के नीचे,
फूलों की दे ओट सुरभि के घेरे खीचे,
पर पहुँचेगा पथी दूसरे तट पर उस दिन,
जब चरणों के नीचे सागर लहराएगा।
गर्त शिखर बन, उठे लिए भंवरों का मेला,
हुए पिघल ज्योतिष्क तिमिर की निश्चल बेला,
तू मोती के द्वीप स्वप्न में रहा खोजता,
तब तो बहता समय शिला-सा जम जाएगा,
धूल पोंछ काँटे मत गिन छाले मत सहला
मत ठंडे संकल्प आंसुओं से तू बहला,
तुझसे हो यदि अग्नि-स्नात यह प्रलय महोत्सव
तभी मरण का स्वस्ति-गान जीवन गाएगा
टकराएगा नहीं आज उन्मद लहरों से
कौन ज्वार फिर तुझे दिवस तक पहुँचाएगा
निम्नलिखित में से निर्देशानसार विकल्पों का चय​

Answers

Answered by muskanjangde861
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Explanation:

गर्त शिखर बन, उठे लिए भंवरों का मेला,

हुए पिघल ज्योतिष्क तिमिर की निश्चल बेला,

तू मोती के द्वीप स्वप्न में रहा खोजता,

तब तो बहता समय शिला-सा जम जाएगा,

धूल

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