History, asked by kajal852332, 8 months ago

IV. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1. फ्रांस की क्रांति के क्या कारण थे?​

Answers

Answered by randhawataniya181006
7

Answer:

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Explanation:

फ्रांस की क्रांति 1789 विश्व इतिहास की महत्वपूर्ण घटना है। इसे हम इस्लाम उदय के बाद विश्व की सबसे प्रभावी घटना मान सकते है। किसी भी क्रांति या आंदोलन की तह वर्षो के राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक व आर्थिक शोषण में छिपी होती है। जनता का धैर्य जब टूटने लगता है व पूर्व स्थापित व्यवस्था से विश्वास उठने लगता है तो क्रांति अवश्यम्भावी हो जाती है। फ्रांस की क्रांति को हम फ्रांस की उस समय की राजनीतिक, सामाजिक व आर्थिक दुर्व्यवस्था में टोह सकते है |

1.राजनीतिक व्यवस्था- फ्रांस में निरंकुश राजशाही व्यवस्था थी। जिसमे निरंकुश राजा के हाथ मे पूरे राज्य की शाषण व्यवस्था निहित थी। ब्रूनो वंश के राजा वंशवाद आधारित व्यवस्था से राज करते थे। वे अपने आप को ईश्वर समतुल्य समझते थे। तत्कालीन राजा लुईस सोलहवाँ जनता के दुख दर्द से पूर्णतया अनभिज्ञ था। जनता राजशाही को उखाड़ फेंकना चाहती थी ।ऊपर से राजा की पत्नी मैरियट स्वार्थी व मूर्ख महिला थी ।जिसने हर आर्थिक सुधार का विरोध किया व हर सुधारवादी वित्त मंत्री को अपदस्थ करने में मुख्य भूमिका अदा की।राजा लुइस 16वा निश्चित तौर पर उस समय कुछ सुधार चाहता था परंतु या तो वे अपर्याप्त थे या उन्हें पूर्णत लागू नही होने दिया गया।

2.सामाजिक व्यवस्था- तत्कालीन फ्रांसीसी समाज 3 भागो में बंटा था प्रथम था पादरी वर्ग जिसे फ्रांस की प्रथम एस्टेट कहा जाता था जिसे असीम अधिकार व सुविधाएं उपलब्ध थी ये कर भी अदा नही करते थे। पादरी,बिशप,आर्चबिशप अधिकांश नास्तिक व आरामफरामोश थे। एक बार राजा ने यहां तक कहा था कि कम से कम पेरिस के पादरी को तो ईश्वर में विश्वास करने वाला होना चाहिए।द्वितीय था कुलीन व उच्च अमीर वर्ग जो भी समाज के शोषण में अग्रणी थे । अधिकाशतः ये निम्न वर्ग को कार्वी विशेष करो द्वारा दबाये रखते थे। यह फ्रांस की द्वितीय एस्टेट का निर्माण करते थे ।तीसरा था निम्न मध्यम, किसान व मजदूर वर्ग जो अपनी आय का 80% भाग कर में अदा करते थे। इसमे बैंकर,वकील ,व्यापारी वर्ग भी शामिल था जिन्हें मताधिकार व सम्मान हासिल नही था। ऐसी सामाजिक व्यवस्था निश्चित ही एक बड़ी क्रांति की वजह थी।

3.आर्थिक व्यवस्था- फ्रांस कर्ज तले दबा था। कर व्यवस्था पूर्णत एकतरफा व बोझिल थी। निम्न वर्ग को अधिकार नही थे।

4.बुद्धिजीवी वर्ग- इस वर्ग ने फ्रांस में क्रांति लाने में अहम भूमिका अदा की । मोंटेसकयु, वाल्तेयर व रोस्सो ने अपने लेखन से फ्रांस की जनता में क्रांति की भावना पैदा की। वाल्तेयर चर्च को बेकार वस्तु कहकर पुकारता था ।रोसो ने जनता में समानता,स्वतंत्रता व बंधुत्व की भावना को प्रजवलित किया। नेपोलियन ने तो यहां तक कहा कि अगर रोस्सो नही होते तो फ्रांस की क्रांति भी न होती। रोस्सो कि सोशल कॉन्ट्रैक्ट पुस्तक ने उस समय फ्रांस क्रांति की आधारशिला रखी।

लुइस 16वा ने 1789 में सभी एस्टेट को फ्रांस की नीति निर्धारण के लिए आमंत्रित किया जो कि असफल रही। तृतीय एस्टेट ने बाद में अपने आप को राष्ट्रीय सभा घोषित किया। व टेनिस कोर्ट में एकता की शपथ ली जब तक फ्रांस की स्वतंत्रता हासिल न कर ली जाए।यह घटना को टेनीस कोर्ट शपथ कहा गया। जनता राजशाही को उखाड़ फेंकने के लिए उद्विग्न हो गयी व बास्टिल की जेल से केदियो को रिहा करदिया । 1791 में स्वतंत्रता, समानता,व विश्व बंधुत्व के आधार पर सविंधान की घोषणा की गई।1793 में पहले राजा व बाद में महारानी को मृत्यु दंड दे दिया गया। व फ्रांस में राष्ट्रपति को व्यवस्थापिका का प्रमुख घोसित किया गया।

Answered by jatinnain701
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